चीन अमरीका की टेक्नोलॉजी कंपनियों से साफ्टवेयर कोड और उनकी बारीकियों के बारे में जानकारी लेना चाहता है जिसका गलत फायदा उठा सके। नेशनल इकोनॉमिक्स काउंसिल के निदेशक लैरी कुडलो का मानना है कि चीन पहला वैश्विक अर्थव्यवस्था वाला देश है जो अर्थव्यवस्था को लेकर तीसरे दर्जे का घटिया व्यवहार कर रहा है। कंप्यूटर राउटर, सॉफ्टवेयर और प्रिंटर बनाने वाली दुनिया की बड़ी कंपनियां भी चीनी कंपनियों पर निर्भर हैं। सूचनाक्रांति के साथ सुरक्षा को लेकर सोचना जरूरी है नहीं भविष्य में नुकसान होगा। 2025 मेड इन चाइना प्रोग्राम’ के तहत चीन ने तीन हजार करोड़ रुपए का निवेश दस ऐसे उद्योगों में किया जो एक रणनीति के हिसाब से शुरू किए गए हैं। दुनिया के सभी देश अब इस ओर ध्यान देने लगे हैं क्योंकि भविष्य में चीनी उपकरणों से जासूसी देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा करने के साथ आर्थिक स्थिति को भी नुकसान पहुंचा सकती है। इसी कड़ी में साइबर अटैक दुनियाभर के लिए चुनौती बना हुआ है।