तमाम आलोचनाओं और प्रशंसाओं के बीच गुलाबी गेंद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच गुरुवार से शुरु हो रहे ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच में अपना रंग बिखेरने को तैयार है।
मेलबर्न। तमाम आलोचनाओं और प्रशंसाओं के बीच गुलाबी गेंद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच गुरुवार से शुरु हो रहे ऐतिहासिक डे-नाइट टेस्ट मैच में अपना रंग बिखेरने को तैयार है।
लगभग सात वर्षों के बाद गुलाबी गेंद को टेस्ट क्रिकेट में प्रयोग किया जाएगा और एडिलेड के ओवल मैदान को हाल ही में अल्ट्रा मार्डन स्टेडियम के रुप में निर्मित किया गया है।
एशेज की तरह ही इसमें भी मैच के पहले दिन 5300 से 5500 तक दर्शकों की संख्या हो सकती है। ग्राउंड स्टाफ ने गेंद और बल्ले के बीच शानदार मुकाबला कराने के लिए पिच को बल्लेबाजों और गेंदबाजों के अनुकूल तैयार किया है।
मैदान पर हल्की घास छोड़ी गई ताकि दोनों टीम के गेंदबाजों को पिच से अच्छी मदद मिल सके। साउथ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट संघ के मुख्य कार्यकारी कीथ ब्रेडशा ने कहा, ”हमें पूरा विश्वास है कि जिस तरह लाल गेंद बर्ताव करती है उसी तरह गुलाबी गेंद भी बर्ताव करेगी। गुलाबी गेंद को लेकर कई तरह टिप्पणी की गई लेकिन इन टिप्पणी को लेकर हम सकारात्मक है।”
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच को देखने के लिए कई सारे अधिकारी और देशों के बोर्डों के सदस्यों को आमंत्रित किया है। इसके अलावा एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति भी मैच को देखेंगे।
ब्रेडशा ने कहा,” कई वर्ष पहले जब मैं एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति और आईसीसी क्रिकेट समिति में शामिल था तब निश्चित ही मैं इसको लेकर आश्वस्त नहीं था, लेकिन अब मैंने इस यात्रा की शुरुआत कर दी है।”
आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच गुरुवार से पहला डे-नाइट टेस्ट मैच गुलाबी गेंद से खेला जाएगा और इसको लेकर कई वर्तमान पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने इस नई पहल का समर्थन भी किया है।