जिम ने संस्था को ईमेल कर सारे घटनाक्रम की जानकारी दी। साथ ही अतिरिक्त राशि लौटाने की अपील भी की। संस्था ने जवाब में कहा गया कि उनकी कंपनी में दान की हुई राशि वापस नहीं लौटाई जाती। उस महिला के पास कम्प्यूटर या स्मार्टफोन न होने की वजह से वह भी जिम के मेल नहीं पढ़ पाई।
पता चलने पर इसाटा ने जिम के पैसे लौटाने चाहे। लेकिन गो फंड मी ने अपनी पॉलिसी का हवाला देते हुए ऐसा करने से मना कर दिया। लेकिन संस्था ने जल्द ही इस गलती को सुधारने का वादा किया। तब जिम को तसल्ली हुई। चेक मिलने की उम्मीद जगने के बाद ही उन्होंने अपनी पत्नी को इस बारे में बताया।
इसाटा जालोह नाम की ये महिला डरल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ट्रालीमैन का काम करती थी। लेकिन कंपनी ने उसे यह कहकर नौकरी से निकाल दिया था कि उसने एक यात्री से टिप की मांग की थी। वह महिला अपने परिवार और खर्चों को लेकर बेहद परेशान थी। हालांकि बाद में कंपनी ने उसे वापस नौकरी पर रख लिया था। गो फंड मी संस्था ने महिला की कहानी सोशल नेटवर्किंग पर शेयर कर लोगों से मदद मांगी। जिम को महिला के साथ हुए इस घटनाक्रम ने ही मदद के लिए प्रेरित किया था।
72 साल के जिम होक एक सेवानिवृत्त सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। जिम को पहले तो यकीन ही नहीं हुआ कि उनसे ऐसी गलती हुई है। वे इसे बैंक के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की गलती मान रहे थे। लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि यह उनकी एक छोटी सी लापरवाही के कारण हुआ था। इदरअसल उन्होंने गो फंड मी के डोनेशन फॉर्म को भरते समय राशि में तो 1100 रुपए ही लिखा था लेकिन टैब की जगह उन्होंने इसी खाने में अन्य जानकारी भर दी थीं। एक टैब का बटन न दबाने के कारण उनके खाते से 1100 रुपए की जगह 11.5 लाख रुपए दान खाते में चले गए थे।