बच्ची के पैदा होते ही सब रह गए हैरान, डॉक्टरों ने कहा- 30 हज़ार बच्चों में से एक ही होता है ऐसा
काओ का इलाज एक नाक और कान के डॉक्टर ने किया। पहले उन्होंने एंडोस्कोपी टेस्ट ( endoscopy test ) के ज़रिए दोनों जोंकों की पोजीशन देखी फिर बड़ी ही सावधानी से उन्हें एक-एककर के पीड़ित की नास से बाहर निकाला। एक अंग्रेजी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल ने काओ के दावे को सही ठहराया है।
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अस्पताल का कहना है जोंक के अंडे कई बार इंसानों को नहीं दिखते ऐसे में वे आसानी से पानी से मुंह धुलते समय काओ की नाक में जा सकते हैं। गौरतलब है कि इंसान के शरीर से खून चूसने वाले ये परजीवी एक बार हमारे शरीर में घुस गए तो काफी दिनों तक वे हमारे खून पर ज़िंदा रह सकते हैं। ऐसे में अगर समय रहते ये परजीवी काओ की नाक से नहीं निकाले जाते तो उन्हें काफी मुश्किल हो सकती थी।