बताया जाता है कि मछली को सर्जरी से पहले एक कंटेनर में डाला गया। जब मछली शांत हुई, तब उसे ऑपरेशन वाली जगह पर लाए। मछली के आसपास का कुछ हिस्सा गीला रहे इसका इंतजाम किया। इसके बाद मुंह की नली लगाई गई। जिससे ट्यूमर को हटाकर बाहर निकाला गया। ऑपरेशन के बाद मछली के पेट के हिस्से को वाटर प्रूफ पेस्ट से बंद कर दिया। कुछ देर मछली को फिर से ऑक्सीजन युक्त ताजे पानी में डाल दिया। सर्जरी के दिन ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।”