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इस कंपनी में चार दिन होता है काम, सैलरी मिलती है पांच दिन की

Published: May 17, 2019 01:19:28 pm

Submitted by:

Deepika Sharma

इस कंपनी में होते हैं चार दिन के वर्किंग आर्स
वेर्सा अपने कर्मचारियों को देती है चार दिन की बजाए पांच की सैलरी
ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ने इस कंपनी के कर्मचारियों के रिएक्शन पर किया रिसर्च

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इस कंपनी में चार दिन होता है काम, सैलरी मिलती है पांच दिन की

नई दिल्ली। कंपनियां (company ) अपने कर्मचारियों को काम के मुताबिक सैलरी ( salary ) देती हैं। कर्मचारी जितने दिन ऑफिस ( office )में काम करता है, उसी अनुसार सैलरी दी जाती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी, दुनिया में एक ऐसी कंपनी भी है, जहां कर्मचारी केवल 4 दिन काम करते हैं, लेकिन सैलरी उन्हें पांच दिन की दी जाती है। जी हां, वर्सा नाम कंपनी के कर्मचारियों को रविवार ( Sunday ) और शनिवार ( Saturday ) के अलावा बुधवार ( Wednesday ) को भी ऑफ दिया जाता है। लेकिन कंपनी उन्हें पांच दिन की सैलरी देती है।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया ( Australia ) की वेर्सा कंपनी डिजिटल मार्केटिंग (digital marketing) करती है। कर्मचारियों को शनिवार और रविवार के अलावा बुधवार को भी ऑफ देना कंपनी ने पिछले साल से लागू किया है। यहां कर्मचारी सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को ही ऑफिस जाते हैं और कंपनी उन्हें चार दिन के बजाए पांच दिन की सैलरी देती है। हां अगर बुधवार के दिन किसी ग्राहक को जरूरी काम हो, तो कर्मचारी फोन पर उनकी समस्या का हल करते हैं।
इस कारण नहीं दिए लगातार तीन ऑफ

गौरतलब है कि कंपनी का एेसे करने के पीछे का मक्सद सिर्फ इतना था कि वेर्सा के कर्मचारी रविवार के ऑफ के बाद सोमवार के दिन वाली फ्रेश-फिलिंग को महसूस करें। इस कारण ही सप्ताह को दो हिस्सों में बांटने का फैसला लिया। हालांकि कंपनी की सीइओ ब्लैकहेम लगातार कर्मचारियों को तीन दिन का लंबा वीकेंड नहीं देना चाहती थीं, एेसा इसलिए था कि वह डरती थी कि कर्मचारी लंबे वीकेंड के कारण उनमें आलस और काम के प्रति लापरवाही की भावना ना आ जाए। जिसके कारण कंपनी के उत्पादकता और ग्राहकों से संबंधों पर भी असर पड़ता।
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गुरुवार के ऑफ से हो जाते हैं तरोताजा

ऑकलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में एचआर मैनेजमेंट के प्रोफेसर जरॉड हैर ने अपने रिसर्च के लिए वेर्सा के कर्मचारियों से बात की और पाया कि वे बुधवार की छुट्टी का सबसे ज्यादा आनंद लेते हैं। वो कहते हैं, “बुधवार की छुट्टी का मतलब है कि आप गुरुवार को तरोताजा होकर आएंगे और उनकी उत्पादकता बढ़ेगी।”
कंपनी को हुआ 40 फीसदी का फायदा

श्रॉवेन के अनुसार- कंपनी का ये लचीलापन कर्मचारियों को पसंद आ रहा है। इसलिए वे पूरी कोशिश रहती हैं कि सभी काम सिस्टमेटिक तरीके से पूरे किए जाएं। दरअसल, कर्मचारी एक हफ्ते के काम की प्लानिंग पहले से ही कर लेते हैं। वहीं कंपनी के सीइओ काश ब्लैकहैम का कहना है इस लचीलेपन के कारण कंपनी को 40 फीसदी का फायदा हुआ है। जो पहले से तीन गुना है।

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