खबरों की मानें तो बरमुडा ट्राएंगल में उठने वाली समुद्री लहरें इतनी खतरनाक और भयानक होती हैं, जिनके आगे सुनामी भी फीकी पड़ जाती है। इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन की स्टडी में बताया गया कि बरमुडा ट्राएंगल में उठने वाली लहरें दैत्याकार होती हैं। स्टडी में कहा गया है कि यहां उठने वाली लहरों की ऊंचाई 100 फीट से भी ज़्यादा ऊंची होती हैं। ये ऊंचाई अलास्का में साल 1958 में आई अब तक की सबसे भयानक सुनामी की लहरों की ऊंचाई के बराबर है।
बरमुडा ट्राएंगल पर की गई स्टडी के मामले में साइंटिस्ट्स ने बताया कि खतरा यहां के केवल समुद्र में ही नहीं बल्कि हवा में भी है। आपने ऐसे कई मामले सुने होंगे कि बरमुडा ट्राएंगल के आसमान से होकर गुज़रने वाले हवाई जहाज भी रहस्यमयी रूप से गायब हो जाते हैं। जिनके पीछे यहां के आकाश में चलने वाली भीषण हवा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि बरमुडा ट्राएंगल के आसमान में चलने वाली हवा की गति करीब 274 किमी प्रति घंटा होती है। 1918 में बरमुडा ट्राएंगल में 306 यात्रियों को लेकर डूबे यूएसएस साइक्लॉप्स जहाज की वजह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने जहाज का मॉडल तैयार किया।
स्टडी के लिए किए गए टेस्ट में साफ हो गया कि लहरों की वजह से जहाज खुद का संभाल नहीं पाया और डूब गया। वैज्ञानिकों ने बताया कि यहां चलने वाली हवाएं दो या तीन दिशाओं से आती हैं, जिसकी वजह से जहाज खुद को संभाल पाने में पूरी तरह से फेल हो जाता है। जिसकी वजह से ये सभी हादसे हुए हैं।