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आखिरकार सुलझ ही गई बरमुडा ट्राएंगल की रहस्यमयी गुत्थी! वैज्ञानिकों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

Published: Aug 04, 2018 04:41:21 pm

Submitted by:

Sunil Chaurasia

बरमुडा ट्राएंगल में समा जाने वाले विशाल पानी के जहाज और हवाई जहाज के पीछे किसी भी प्रकार के समुद्र दानव या एलियन का हाथ नहीं था।

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आखिरकार सुलझ ही गई बरमुडा ट्राएंगल की रहस्यमयी गुत्थी! वैज्ञानिकों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

नई दिल्ली। दुनिया में ऐसी रहस्यमयी जगहों की कोई कमी नहीं है, जिनमें समाए रहस्यों को आज तक नहीं सुलझाया जा सका है। दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगहों की लिस्ट में बरमुडा ट्राएंगल का नाम सबसे ऊपर है। लेकिन वैज्ञानिकों ने इस रहस्य को सुलझा लिया है। जी हां, ऐसा हम नहीं बल्कि खुद वैज्ञानिकों ने दावे के साथ कहा है कि उन्होंने दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगह के रहस्य को सुलझा लिया है। बरमुडा ट्राएंगल में समा जाने वाले विशाल पानी के जहाज और हवाई जहाज के पीछे किसी भी प्रकार के समुद्र दानव या एलियन का हाथ नहीं था। वैज्ञानिकों ने बताया कि पानी के जहाज और हवाई जहाज के रहस्यमयी रूप से गायब होने के पीछे वहां के समुद्री पानी और हवा का हाथ है।
खबरों की मानें तो बरमुडा ट्राएंगल में उठने वाली समुद्री लहरें इतनी खतरनाक और भयानक होती हैं, जिनके आगे सुनामी भी फीकी पड़ जाती है। इंग्लैंड के यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्पटन की स्टडी में बताया गया कि बरमुडा ट्राएंगल में उठने वाली लहरें दैत्याकार होती हैं। स्टडी में कहा गया है कि यहां उठने वाली लहरों की ऊंचाई 100 फीट से भी ज़्यादा ऊंची होती हैं। ये ऊंचाई अलास्का में साल 1958 में आई अब तक की सबसे भयानक सुनामी की लहरों की ऊंचाई के बराबर है।
बरमुडा ट्राएंगल पर की गई स्टडी के मामले में साइंटिस्ट्स ने बताया कि खतरा यहां के केवल समुद्र में ही नहीं बल्कि हवा में भी है। आपने ऐसे कई मामले सुने होंगे कि बरमुडा ट्राएंगल के आसमान से होकर गुज़रने वाले हवाई जहाज भी रहस्यमयी रूप से गायब हो जाते हैं। जिनके पीछे यहां के आकाश में चलने वाली भीषण हवा है। वैज्ञानिकों ने बताया कि बरमुडा ट्राएंगल के आसमान में चलने वाली हवा की गति करीब 274 किमी प्रति घंटा होती है। 1918 में बरमुडा ट्राएंगल में 306 यात्रियों को लेकर डूबे यूएसएस साइक्लॉप्स जहाज की वजह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने जहाज का मॉडल तैयार किया।
स्टडी के लिए किए गए टेस्ट में साफ हो गया कि लहरों की वजह से जहाज खुद का संभाल नहीं पाया और डूब गया। वैज्ञानिकों ने बताया कि यहां चलने वाली हवाएं दो या तीन दिशाओं से आती हैं, जिसकी वजह से जहाज खुद को संभाल पाने में पूरी तरह से फेल हो जाता है। जिसकी वजह से ये सभी हादसे हुए हैं।

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