छुट्टी पर घर आया था सेना का जवान, पत्नी की घिनौनी हरकत देख पैरों तले खिसक गई जमीन
इसके बाद हरिराम की चिता सजाई गई उन्हें उसपर लिटाया गया। अंतिम संस्कारों में के एक संस्कार होता है मुंह में घी डालने का। हरिराम के मुंह में घी डालते हुए एक रिश्तेदार को हरिराम के शरीर के गरम होने का एहसास हुआ। उस रिश्तेदार ने पाया कि हरिराम की सांसें में भी चल रही थीं। इसके बाद तत्काल प्रभाव से बुजुर्ग का शव चिता से उतरा गया। जिसके बाद डॉक्टरों का एक दल वहां जांच के लिए पहुंचा। जांच में पाया गया कि बुजुर्ग वाकई में ज़िंदा है। देर न करते हुए उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है। इस पूरी घटना से पता चलता है “जाको राखे साइयां मार सके न कोय।”