रामायण का वो किस्सा तो सबको याद ही है जहां लक्ष्मण ने अपनी तलवार की धार से किसी के नाक पर प्रहार किया था। जी, हां यहां हम बात कर रहे हैं सूर्पणखा के बारे में। रामायण की ये सूर्पणखा न केवल जीवित है बल्कि अद्वितीय शक्तियों से लैस है। अपनी इन्हींं शक्तियों से आज ये कई लोगों की मदद भी कर रही है।
गंगा का का जन्म कोलंबो से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित महियांग्ना नामक गांव में हुआ था। हैरान करने वाली बात तो ये है कि गंगा सुदर्शन के नाक पर चोट का निशान है और उसके कान में भी निशान है जैसा कि रामायण के सूर्पणखा का था।
यहां लोगों का प्रतिदिन दरबार लगता है और लोगों को इलाज भी होता है। महियांग्ना गांव के लोग गंगा को काफी मानते हैं। अपने परिचय और अपने द्वारा किए जाने वाले काम को लेकर गंगा गांव के बाहर भी काफी मशहूर है।
हम यहां बात कर रहे हैं श्रीलंका की जहां पर रहने वाली गंगा सुदर्शन को लोग रावण की बहन सूर्पणखा का दर्जा देते हैं। आपको बता दें कि गंगा न केवल सूर्पणखा के वंश की है बल्कि सरकार द्वारा उन्हें बाकायदा पेंशन और तनख्वाह तक दी जाती है।गंगा का का जन्म कोलंबो से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित महियांग्ना नामक गांव में हुआ था। हैरान करने वाली बात तो ये है कि गंगा सुदर्शन के नाक पर चोट का निशान है और उसके कान में भी निशान है जैसा कि रामायण के सूर्पणखा का था।