जिस दिन परी मल्लिक की मौत हुई उसी दिन, रीना राय नाम की एक महिला वहां पहुंची और उसने अस्पताल प्रबंधन को बताया कि वह मृत परी मल्लिक की बहू है। उसने दावा किया कि मृतका का नाम परी राय है और उसके पति का नाम स्वर्गीय प्रसाद राय है। इसके बाद रीना ने ज़िद पकड़ ली कि परी का अंतिम संस्कार हिंदू रीति-रिवाज से करने की बात कही और शव रीना को सौंपने को कहा। बढ़ते विवाद को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने कानूनी रूप से अधिकार पत्र लाने पर ही शव को सौंपने की बात कही और शव को मुर्दाघर में रख दिया गया। इसके बाद दोनों परिवार कलकत्ता हाई कोर्ट पहुंचे। साल दर साल करते हुए 11 साल बीत गए। और अभी तक शव के असली हकदार का फैसला नहीं हुआ है।