एक अंग्रेज़ी वेबसाइट के मुताबिक यह खोज जुलाई के शुरुआती दिनों में ही हो गई थी, जिसे अब दुनिया के सामने लाया गया है। इस कब्र को लेकर काफी लोगों में ये डर था कि यह एक शापित कब्र है। साल 1922 में राजा तुतनखामून की कब्र खोली गई थी। कुछ समय बाद इससे जुड़े कई लोगों की मौत हो गई थी, जहां से ये अफवाह फैली कि यह एक शापित कब्र है। मिस्र की सुप्रीम काउंसिल ऑफ एंटीक्विटीज के महासचिव मुस्तफा वज़ीरी ने बताया कि एलेक्ज़ेन्डि्रिया की सबसे बड़ी खोज से किसी भी शाप का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने इस कब्र को खोल दिया है और अभी तक हमें किसी भी प्रकार के शाप ने कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।
वज़ीरी ने कहा कि कब्र के अंदर मिले तीनों ममी रोमन शाही परिवार के सदस्यों के नहीं हैं। उन्होंने बताया कि कब्र में किसी भी प्रकार की चांदी या सोने से बने मास्क नहीं मिले। इसके अलावा वहां कोई शिलालेख या ताबीज़ जैसी चीज़ भी नहीं मिली है। एंटीक्विटीज मंत्रालय के ममी विशेषज्ञ शबन अब्द मोनम ने बताया कि तीनों ममी सेना के जवानों की हो सकती हैं, क्योंकि तीन में से एक ममी की खोपड़ी में तीर के घाव मिले हैं।