लिवर की तकलीफ को यूनानी चिकित्सा में ‘कबिद रोग’ कहते हैं। इस अंग से संबंधित यसखान (पीलिया), लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर जैसे रोगों में मरीज को हर्बल औषधियां दी जाती हैं।
इलाज: पीलिया रोग में मरीज को पुराने गन्ने का रस पिलाया जाता है। लिवर की मजबूती के लिए कुश्ता खुबसुस हदीद, जमुर्रद व फौलाद और दबाउल थुरथुम कबीर मरीज को दी जाती है।
पेट पर सूजन और भारीपन को दूर करने के लिए रोगन मस्तगी तेल से लगभग १० दिनों तक रोजाना ५ मिनट मालिश करनी होती है।
ध्यान रहे कि मालिश पांच मिनट से ज्यादा न हो वर्ना त्वचा पर जलन हो सकती है। शरबत बजूरी मोतादिल, हब्बे कबिद नौशादरी, कुर्स गर्ज और माजून दबीदुलवर्द जैसी दवाओं से लिवर रोगों का इलाज किया जाता है।