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जूस के साथ दवा लेने से आंत के एंजाइम नष्ट होने का खतरा

Published: Sep 05, 2018 05:41:34 am

ज्यादातर लोगों को भ्रम है कि जूस के साथ दवाएं लेना फायदेमंद रहता है। लेकिन खट्टे फल जैसे मौसमी, अन्नानास और संतरे के जूस के साथ दवा…

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ज्यादातर लोगों को भ्रम है कि जूस के साथ दवाएं लेना फायदेमंद रहता है। लेकिन खट्टे फल जैसे मौसमी, अन्नानास और संतरे के जूस के साथ दवा लेना खतरनाक साबित हो सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमएस) ने चेतावनी जारी कर लोगों को पानी के साथ ही दवा लेने की सलाह दी है।

 

हाल ही यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न ऑन्टोरिओ, कनाडा ने भी इसकी पुष्टि की है। अमरीका के फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्टे्रशन (एफडीए) ने लोगों को अंगूर के जूस के साथ दवा न लेने की हिदायत दी है।

खट्टे फलों का जूस ऐसे पहुंचाता नुकसान

कोलेस्ट्रॉल को कम करने की दवा जैसे सेटिटिंस को खट्टे फलों के जूस के साथ लेने पर छोटी आंत में मौजूद एंजाइम नष्ट हो जाते हैं जिससे शरीर में दवा का अवशोषण बढऩे लगता है और ओवरडोज का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह एलर्जी की दवा एलेजरा अंगूर के जूस के साथ लेने पर शरीर में पीएच लेवल भी बढ़ जाता है। बॉडी में इनका अवशोषण न होने की वजह से ये असर नहीं दिखा पातीं।

पानी से लें दवा

दवा डॉक्टरी सलाहनुसार व पानी के साथ लें। जूस या सॉफ्ट ड्रिंक्स के साथ न लें।
दवा दो तरह से ली जाती हंै खाली पेट या खाने के बाद। दोनों मामले में दवा लेने का अंतर ३० मिनट होना चाहिए।
सामान्यत : थॉयराइड, टीबी और गैस (एसीडिटी) की दवाइयां खाली पेट ली जाती हैं जबकि एंटीबायोटिक, पेन किलर, हार्ट या बीपी की दवाइयां कुछ खाने के बाद ली जाती हैं।

ड्रग रिएक्शन को पहचानें :

बॉडी के ड्रग सेंसटिव होने या गलत तरीके से दवा लेने पर रिएक्शन भी हो सकता है। इसके लक्षण हैं – चेहरे, होंठ या आंखों की पुतलियों पर सूजन, शरीर में खुजली, दाने पडऩा, सांस में तकलीफ, मिचली, डायरिया व पेटदर्द।

जांचें दवा की सेंसटिविटी :

दवा का एक चौथाई हिस्सा ट्रायल के तौर पर लें। ३० मिनट तक मॉनिटरिंग करें। रिएक्शन से जुड़े लक्षण नहीं सामने आते हैं तो पूरी डोज ले सकते हैं। रिएक्शन होने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।

ये ध्यान रखें :

एस्प्रिन खाली पेट न लें। आंत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


कैल्शियम, मैग्नीशियम व आयरन जैसे मेटल आयन वाली दवाएं दूध या डेयरी प्रोडक्ट के साथ न लें। ये एंटीबैक्टीरियल एजेंट को अवशोषित करते हैं व दवा का असर कम हो जाता है।
खून पतला करने वाली दवा, हर्बल व ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव दवा में ३० मिनट का गैप दें।

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