मालूम हो कि नीमताल शहर की कईबस्तियों के जलस्रोतों को जिंदा रखने में महत्वपूर्ण साबित रहा है। करीब 32 फिट गहरा यह तालाब बारिश के दौरान पानी से लबालब था, लेकिन अब इसका जलस्तर तेजी से घटने लगा है। नीमताल की व्यवस्था को देखने वाले नपा कर्मचारियों का कहना है कि करीब पांच फिट पानी कम हो चुका है और इसी तरह पानी का जलस्तर घटा तो इस तालाब की आसपास की कई बस्तियों के लिए आगामी गर्मी के माह पेयजल की समस्या को लेकर भारी पड़ सकते हैं।
यह क्षेत्र होंगे प्रभावित
इस नीमताल से शहर की इंदिरा कांप्लेक्स कॉलोनी, सांकल कुआ क्षेत्र, बस स्टैंड, गांधी चौक, रविशंकर शुक्ल चौराहा क्षेत्र हरिपुरा, रामद्वारा आदि क्षेत्रों में जलस्रोतों का जल स्तर 12 माह बना रहता है। अगर नीमताल का पानी लगातार कम हुआ तो इन प्रमुख क्षेत्रों के निजी नलकूप, हैंडपंप आदि बंद होने की कगार पर आ जाएंगे और इन क्षेत्रों के हजारों लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ जाएगा।
इस नीमताल से शहर की इंदिरा कांप्लेक्स कॉलोनी, सांकल कुआ क्षेत्र, बस स्टैंड, गांधी चौक, रविशंकर शुक्ल चौराहा क्षेत्र हरिपुरा, रामद्वारा आदि क्षेत्रों में जलस्रोतों का जल स्तर 12 माह बना रहता है। अगर नीमताल का पानी लगातार कम हुआ तो इन प्रमुख क्षेत्रों के निजी नलकूप, हैंडपंप आदि बंद होने की कगार पर आ जाएंगे और इन क्षेत्रों के हजारों लोगों को पेयजल की समस्या से जूझना पड़ जाएगा।
तालाब की सफाई जरूरी
पर्यावरणविद प्रो. केडी मिश्रा का कहना है कि यह पौधा जलकुंभी की तरह पानी का बेशरम पौधा है। इस पौधे के फैलने से पानी का वाष्पीकरण होता है। पानी के जलस्तर में कमी आती है। पानी में गंदगी बढ़ती है जिससे जलीय जीवों को खतरा बढ़ जाता है। इस तालाब में फैलती इस बेशरम को शीघ्रता से हटाया जाना जरूरी है।
पर्यावरणविद प्रो. केडी मिश्रा का कहना है कि यह पौधा जलकुंभी की तरह पानी का बेशरम पौधा है। इस पौधे के फैलने से पानी का वाष्पीकरण होता है। पानी के जलस्तर में कमी आती है। पानी में गंदगी बढ़ती है जिससे जलीय जीवों को खतरा बढ़ जाता है। इस तालाब में फैलती इस बेशरम को शीघ्रता से हटाया जाना जरूरी है।
जलीय खरपतवार में सांपों का भी डेरा
इस तालाब को जलीय खरपतवार तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रही है। पूर्वमें नपा परिषद ने इस तालाब से यह जलीय पतवार हटवाई थी। आचार संहिता से पूर्व नपा द्वारा इसे पूरी तरह हटाने की तैयारी भी की थी लेकिन अब इस कार्य को भुला दिया गया। हालत यह कि अब पूरे तालाब में यह तेजी से फैलने लगी है। उद्यान के कर्मचारियों का कहना है कि इसे हटाने के प्रयास किए थे लेकिन इसमें सर्प अधिक हो गए हैं। यह सर्प तालाब की पार में लगी घांस में छिप जाते हैं। इसलिए जलीय पतवार हटाने से पहले पार की घांस साफ कराईगई है ताकि सांपों से बचने हुए इसे हटाना आसान हो सके।
इस तालाब को जलीय खरपतवार तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रही है। पूर्वमें नपा परिषद ने इस तालाब से यह जलीय पतवार हटवाई थी। आचार संहिता से पूर्व नपा द्वारा इसे पूरी तरह हटाने की तैयारी भी की थी लेकिन अब इस कार्य को भुला दिया गया। हालत यह कि अब पूरे तालाब में यह तेजी से फैलने लगी है। उद्यान के कर्मचारियों का कहना है कि इसे हटाने के प्रयास किए थे लेकिन इसमें सर्प अधिक हो गए हैं। यह सर्प तालाब की पार में लगी घांस में छिप जाते हैं। इसलिए जलीय पतवार हटाने से पहले पार की घांस साफ कराईगई है ताकि सांपों से बचने हुए इसे हटाना आसान हो सके।
कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी के कारण तालाब की सफाई प्रभावित हुई है। खरपतवार हटाने की पूरी तैयारी है। इसमें हाइड्रा मशीन व जेसीवी की मदद ली जाएगी। यह कार्य शीघ्रता से किया जाएगा।
-राज बिहारी, प्रभारी नीमताल, माधव उद्यान
-राज बिहारी, प्रभारी नीमताल, माधव उद्यान