मालूम हो कि भैरोखेड़ी मंदिर के महंत कल्याणदास त्यागी हर ग्राम पंचायत में गौशाला एवं गायों को चरनोई भूमि दिलाने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे थे। 12 अगस्त से उन्होंन उपवास सत्याग्रह शुरू किया जो 16 अगस्त से भूख हड़ताल में बदल गया। इसके बाद भी जिला प्रशासन मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा था। इससे नाराज होकर विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग मांगों के समर्थन में कलेक्ट्रेट पहुंचे और जमकर सीटियां बजाई।
सीटी का शोरगुल सुन अधिकारी आए और समर्थकों से चर्चा की। असीम शर्मा का कहना है कि हम चौकीदार के रूप में कलेक्टे्रट पहुंचे थे। चौकीदार के पास सीटी और लाठी होती है। हम प्रशासन को जगाने सीटी लेकर पहुंचे। इस दौरान अधिकारियों ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और मांगों के हल के लिए आश्वस्त किया। प्रदर्शन के बाद एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी नीमताल पहुंचे और महंतजी को अपने वाहन से भैराखेड़ी ले गए। जहां गांव का नक्शा देखकर मौके पर चरनोई भूमि चिह्नित की। तहसीलदार आशुतोष शर्माने बताया कि चरनाई भूमि चिन्हित की जा चुकी। भूमि पर जो भी काबिज हैं उन्हें नोटिस दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम भैरोखेड़ी से कार्रवाई शुरू हो चुकी है। पूरे जिले में यह कार्रवाईहोगी। भूख हड़ताल समाप्त करा दी गई है।