आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्तियां क्षेत्र में खासी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। पूर्व में भी फर्जीवाड़े के कई मामले यहां सामने आए हैं और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई नियुक्तियों के कारण कई कार्यकर्ताओं पर प्रकरण भी दर्ज हुए हैं। बावजूद विभाग की कार्यप्रणाली के चलते इस बार फिर भारी आपत्तियां और आरोप लगाए जा रहे हैं।
कई महिलाओं ने आरोप लगाए हैं कि अपात्रों को भी पात्र बनाने के लिए पात्रों के दस्तावेजों को ही गलत बताकर उनके नंबर नहीं दिए गए। इमलानी में तो जिसका चयन किया गया है उसके ससुर सरकारी नौकरी में होने पर भी उसका बीपीएल कार्ड मान्य कर लिया गया, जबकि सोना में भाई के बीपीएल कार्डमें आवेदक का नाम होने पर उसका कार्ड मान्य नहीं किया गया।
महिलाओं ने आरोप लगाया है कि नियुक्ति के लिए दलालों ने 1 लाख रुपए की मांग की थी। इतनी बड़ी राशि न दे पाने के कारण उनके आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। गरेठा, बडौदाताल, इमलानी सहित कई जगह की भर्ती में आवेदन के समय लगाया गया बीपीएल कार्ड सत्यापित नहीं है, फिर भी जांच समिति ने नंबर देकर उनका चयन कर दिया।
यह भी आरोप लगाया जा रहा कि कई लोगों के दस्तावेजों में कमियों के बावजूद उन्हें दबा लिया गया और अब चुपके से उनकी पूर्ति कराईजा रहे है। यदि प्रशासन द्वारा सख्ती से जांच कराईजाए तो फर्जीवाड़ा उजागर हो सकता है। यह भी बताया गया है कि चयन प्रकिया में जांच समिति ने बिना जांच के ही अंतिम सूची फायनल कर दी।
बड़ौदाताल में जिस कार्यकर्ता का चयन किया गया है, वह उस गांव की निवासी ही नहीं है, ग्रामीणों ने इसका पंचनामा भी बनाकर दिया है, लेकिन जांच समिति ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
-इनका कहना है…
-मुझसे भर्ती के लिए जितने पैसे मांगे गए थे, उतने हम देने में असमर्थ थे, इसलिए मेरा आवेदन निरस्त कर दिया गया। बीपीएल कार्ड में मेरा नाम होने के बावजूद मुझे उसके नंबर नहीं दिए गए।
-अंजू कुशवाह, शिकायतकर्ता
-विभाग ने भर्ती में फर्जीवाड़ा किया है। जिसे कार्यकर्ता बनाया गया है, वह गांव में रहती ही नहीं, ग्राम पंचायत ने पंचानामाभी दिया है, लेकिन उसेभी मान्य नहंीं किया गया। मनमर्जी से लेनदेन कर भर्ती कर दी गई। -प्रीति श्रीवास्तव, शिकायतकर्ता
-चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। जिन लोगों की नियुक्ति नहीं हो सकी है, वे झूठे आरोप लगा रहे हैं। किसी से भी पैसे नहीं लिए गए और न ही मांगे गए। यदि किसी के दस्तावेज गलत लगे हैं तो जिला स्तरीय समिति उनको निरस्त कर देगी। सभी में आपत्ति आई है। इनका निराकरण जिला स्तरीय समिति करेगी। अंतिम सूची वहीं से जारी होगी।
-अनिल चौधरी, परियोजना अधिकारी सिरोंज