जिसमें कहा गया है कि उक्त पक्षी अंकुल पिंगले के सामने बने मंदिर पर मिला था सहित पूरे घटनाक्रम का उल्लेख किया गया है। इसके साथ ही समिति के अध्यक्ष विकास यादव सहित सदस्यों के समक्ष व वन विभाग के अधिकारियों के समक्ष बुलबुल का उपचार कर उसे स्वतंत्र रूप से उड़ा दिया गया। वहीं पंचनामा सबको सुनाया गया। उनका कहना था कि वे आगे भी इसी तरह पक्षियों की जान बचाते रहेंगे।
कई पक्षियों की बचाई जान
पक्षी संरक्षण समिति के अध्यक्ष विकास यादव ने बताया कि उनकी समिति द्वारा लगातार पक्षियों को बचाने व लोगों को इनके संरक्षण के प्रति जागरुक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही समिति द्वारा पूर्व में भी कई पक्षियों की जान बचाई गई है व घायल पक्षियों का उपचार कराया गया है। समिति द्वारा पक्षियों को रहने के लिए सुरक्षित जगह मिल सके इसके लिए उन्होंने कई नागरिकों और अधिकारियों को लकड़ी के घरोंदे भेंट किए थे। ताकि वह इन घरोंदों को अपने मकान के बाहर लगाए और पक्षी इस घर को अपना ठिकाना बनाए जिससे उन्हें रहने के लिए सुरक्षित घर मिल सके।