व्यापारियों में नाराजगी बढ़ गई
व्यापारियों का कहना है कि आज कल में इस मुद़दे पर निर्णय हो जाएगा। फिर जबरिया अनाउंसमेंट करके स्थिति क्यों गड़बड़ा रहे हैं। मालूम हो कि किसानों को 1 लाख 99 हजार रुपए तक नकद भुगतान किए जाने के निर्देश है। जबकि व्यापारी 10 हजार रुपए नकद एवं शेष राशि एनइएफटी के माध्यम से भुगतान की जा रही है। सुबह जब मंडी प्रबंधन ने किसानों के नकद भुगतान दिए जाने संबंधी अनाउंसमेंट किया तो व्यापारियों में नाराजगी बढ़ गई।
अनाज तिलहन व्यापार संघ के अध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी व व्यापारी मंडी कार्यालय पहुंचे और सचिव से चर्चा की। इस दौरान विधायक प्रतिनिधि नरेंद्र रघुवंशी भी मौजूद रहे। व्यापारियों का कहना है कि हमारे महासंघ की बात मंत्री व वरिष्ठ अधिकारी स्तर पर चल रही है। एक-दो दिन में भुगतान संंबंधी निर्णय हो जाएगा। फिर भी इस तरह के अनाउंस कर स्थिति को क्यों गड़बड़ किया जा रहा है। इस दौरान एक-दो दिन सामंजस्य बनाए जाने बात पर मामला शांत हुआ।
एक घंटे रुका रहा नीलाम कार्य
व्यापारियों की नाराजगी व बैठक के बीच करीब एक घंटे तक नीलाम कार्य रुका रहा और किसान परेशान होते रहे। ग्राम दुपारिया के किसान अनुज यादव का कहना है कि जब सरकार ने किसानों को उसके उपज का नकद भुगतान कराने की व्यवस्था दी है तो इसका पालन कराया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। किसानों को उसके द्वारा बेंची गई उपज का सिर्फ दस हजार रुपए ही नकद मिल पा रहे और शेष राशि के लिए उसे बैंक के चक्कर काटना पड़ रहा। सरकार के नियमों का पालन अधिकारियों द्वारा कराया जाना चाहिए।
दो दिन पूर्व भी बनी थी ऐसी नौबत
मालूम हो कि दो दिन पूर्व भी मंडी में किसानों के उपज का नकद भुगतान न होने पर किसानों में भी आक्रोश बढ़ा था। इस दौरान किसान नेता मोहरसिंह रघुवंशी सहित अन्य किसानों ने मंडी कार्यालय पहुंंचकर मंडी सचिव से शिकायत की थी कि किसानों को उनकी बेंची गई उपज का नकद भुगतान नहीं किया जा रहा। इस दौरान मंडी सचिव से एफआईआर दर्ज कराने की भी बात कही तब मंडी सचिव की समझाइश के बाद किसानों को नकद भुगतान हो पाया था।
नकद भुगतान में इनकम टेक्स संबंधी नियम आड़े आ रहे है। हमारे महासंघ की चर्चा भोपाल में उच्चस्तर पर चल रही। उसका फैसला आज कल में हो जाएगा। जो फैसला होगा। उस आधार पर कार्य किया जाएगा।
राधेश्याम माहेश्वरी, अध्यक्ष अनाज तिलहन व्यापार संघ
मंडी में किसानों द्वारा विक्रय किए जाने वाले किसानों को उनकी उपज का नकद विक्रय की व्यवस्था है। इसी का सख्ती से पालन कराने के लिए अनाउंसमेंट किया गया था, इससे व्यापारी नाराज हुए थे।
कमल बगवैया, सचिव, अनाज मंडी