‘पत्रिकाÓ टीम ने मंगलवार को शहर के विभिन्न पेट्रोलपंप का निरीक्षण किया, तो अधिकांश पर यही हालात नजर आए। सुबह साढ़े नौ बजे तक तो एक को छोड़कर किसी भी पेट्रोलपंप पर नि:शुल्क हवा भरने वाले कर्मचारी ही नहीं पहुंचे थे। मालूम हो कि नियमानुसार प्रत्येक पेट्रोलपंप पर उपभोक्ताओं के वाहनों में नि:शुल्क हवा डालने की व्यवस्था का प्रावधान है। साथ ही यहां आने वाले उपभोक्ताओं के लिए नि:शुल्क पानी की व्यवस्था होना चाहिए। इसके साथ ही लेटबॉथ के भी इंतजाम होना चाहिए। जिससे यहां आने वाले उपभोक्ता वाहनों में पेट्रोल-डीजल डलवाने के साथ ही नि:शुल्क हवा डलवा सकें। इसके साथ ही उपभोक्ताओं द्वारा पेट्रोल-डीजल की शुद्धता जांचने के लिए भी इंतजाम होना चाहिए, लेकिन शहर के अधिकांश पेट्रोलपंपों पर सभी नियमों की अनदेखी हो रही है और उपभोक्ता परेशान होते हैं।
सुबह 10 बजे तक, शाम को नहीं हवा के इंतजाम
नगर के सभी पेट्रोलपंप तो लगभग सुबह छह बजे खुल जाते हैं, लेकिन इन पर नि:शुल्क हवा की व्यवस्था साढ़े नौ से 10 बजे के बाद ही शुरू होती है, क्योंकि हवा डालने वाले कर्मचारी करीब 10 बजे आते हैं। वहीं शाम होते ही हवा डालने वाले कर्मचारी चले जाते हैं। ऐसे में सुबह 10 बजे तक वाहनों में पेट्रोल-डीजल डलवाने आने वाले उपभोक्ताओं को नि:शुल्क हवा नहीं मिल पाती। इसी प्रकार शाम के बाद आने वाले उपभोक्ताओं को भी नि:शुल्क हवा के लिए परेशान होना पड़ता है और मजबूरन बाजार में पांच रुपए से लेकर 20 रुपए तक वाहनों के हिसाब से देना पड़ता है।
नगर के सभी पेट्रोलपंप तो लगभग सुबह छह बजे खुल जाते हैं, लेकिन इन पर नि:शुल्क हवा की व्यवस्था साढ़े नौ से 10 बजे के बाद ही शुरू होती है, क्योंकि हवा डालने वाले कर्मचारी करीब 10 बजे आते हैं। वहीं शाम होते ही हवा डालने वाले कर्मचारी चले जाते हैं। ऐसे में सुबह 10 बजे तक वाहनों में पेट्रोल-डीजल डलवाने आने वाले उपभोक्ताओं को नि:शुल्क हवा नहीं मिल पाती। इसी प्रकार शाम के बाद आने वाले उपभोक्ताओं को भी नि:शुल्क हवा के लिए परेशान होना पड़ता है और मजबूरन बाजार में पांच रुपए से लेकर 20 रुपए तक वाहनों के हिसाब से देना पड़ता है।
यहां मैकेनिक की दुकान खुलने पर भराती है हवा
पलोड़ पेट्रोलपंप पर तो स्थिति यह है कि पेट्रोलपंप परिसर में दो पहिया वाहनों के सुधारने की एक मैकेनिक की दुकान पर नि:शुल्क हवा की व्यवस्था की गई है। जहां हवा डलवाने जाने पर मैकेनिक अपने काम में व्यस्त नजर आता है, ऐसे में वाहन चालकों को हवा डलवाने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कई वाहन चालक समय नहीं होने के कारण वाहन में हवा डलवाने की बजाए अन्यत्र जगह रुपए देकर हवा डलवाने को मजबूर होते हैं। वहीं यह दुकान सुबह करीब साढ़े नौ बजे के बाद खुलती है और शाम को बंद हो जाती है। ऐसे में हवा के लिए उपभोक्ता खासे परेशान होते हैं।
पलोड़ पेट्रोलपंप पर तो स्थिति यह है कि पेट्रोलपंप परिसर में दो पहिया वाहनों के सुधारने की एक मैकेनिक की दुकान पर नि:शुल्क हवा की व्यवस्था की गई है। जहां हवा डलवाने जाने पर मैकेनिक अपने काम में व्यस्त नजर आता है, ऐसे में वाहन चालकों को हवा डलवाने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में कई वाहन चालक समय नहीं होने के कारण वाहन में हवा डलवाने की बजाए अन्यत्र जगह रुपए देकर हवा डलवाने को मजबूर होते हैं। वहीं यह दुकान सुबह करीब साढ़े नौ बजे के बाद खुलती है और शाम को बंद हो जाती है। ऐसे में हवा के लिए उपभोक्ता खासे परेशान होते हैं।
यहां पानी के लिए दिखाते हैं हैंडपंप का रास्ता
अधिकांश पेट्रोलपंप पर पीने के पानी के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कुछ पर तो वाहनों में हवा डलवाने जाने पर पानी पिलाने के लिए कर्मचारी ट्रे में गिलास रखे नजर आता है, लेकिन अधिकांश पेट्रोलपंप पर स्थिति यह है कि पानी पिलाने वाला कर्मचारी तो दूर वॉटरकूलर के तक इंतजाम नहीं है। ऐसे में प्यास लगने पर चालकों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। वहीं अस्पताल मार्ग पर स्थित शक्ति सेल्स एंड सर्विस पेट्रोलपंप पर जब दोपहर करीब एक बजे ‘पत्रिकाÓ टीम पहुंची तो देखा कि जब कुछ उपभोक्ता पीने के पानी मांग रहे थे, तो उन्हें दूर लगे हैंडपंप का रास्ता कर्मचारी बता रहे थे।
अधिकांश पेट्रोलपंप पर पीने के पानी के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। कुछ पर तो वाहनों में हवा डलवाने जाने पर पानी पिलाने के लिए कर्मचारी ट्रे में गिलास रखे नजर आता है, लेकिन अधिकांश पेट्रोलपंप पर स्थिति यह है कि पानी पिलाने वाला कर्मचारी तो दूर वॉटरकूलर के तक इंतजाम नहीं है। ऐसे में प्यास लगने पर चालकों को पीने के पानी के लिए परेशान होना पड़ता है। वहीं अस्पताल मार्ग पर स्थित शक्ति सेल्स एंड सर्विस पेट्रोलपंप पर जब दोपहर करीब एक बजे ‘पत्रिकाÓ टीम पहुंची तो देखा कि जब कुछ उपभोक्ता पीने के पानी मांग रहे थे, तो उन्हें दूर लगे हैंडपंप का रास्ता कर्मचारी बता रहे थे।
लेटबॉथ में लटका रहता है ताला
पेट्रोलपंपों पर ताला डला रहने के कारण पेट्रोल-डीजल डलवाने आने वाले उपभोक्ताओं को यदि लेटबॉथ जाना हो तो उनके सामने भारी मुसीबत खड़ी हो जाती, क्योंकि लगभग प्रत्येक पेट्रोलपंप पर लेटबॉथ तो बने हैं, लेकिन उनमें ताला लटके रहते हैं। मंगलवार की दोपहर को पलोड़ पेट्रोलपंप पर ताला लगा हुआ था। ऐसे में आसपास सुलभशौचालय भी नहीं होने पर उपभोक्ता परेशान होते हैं।
पेट्रोलपंपों पर ताला डला रहने के कारण पेट्रोल-डीजल डलवाने आने वाले उपभोक्ताओं को यदि लेटबॉथ जाना हो तो उनके सामने भारी मुसीबत खड़ी हो जाती, क्योंकि लगभग प्रत्येक पेट्रोलपंप पर लेटबॉथ तो बने हैं, लेकिन उनमें ताला लटके रहते हैं। मंगलवार की दोपहर को पलोड़ पेट्रोलपंप पर ताला लगा हुआ था। ऐसे में आसपास सुलभशौचालय भी नहीं होने पर उपभोक्ता परेशान होते हैं।
जिलेभर में 115 पेट्रोलपंप हैं। इनमें से यदि कोई पेट्रोलपंप संचालक नियमों की अनदेखी कर रहा है, तो उन्हें नियमों का पालन करने के लिए कहा जाएगा। जिससे उपभोक्ता परेशान नहीं हों।
-अनिल सोनकर, अध्यक्ष, पेट्रोलपंप एसोसिएशन
-अनिल सोनकर, अध्यक्ष, पेट्रोलपंप एसोसिएशन
नियमानुसार पेट्रोलपंप खुलने से लेकर बंद होने तक वाहनों में नि:शुल्क हवा डालने की व्यवस्था होना चाहिए। वहीं लेटबॉथ में ताला नहीं होना चाहिए और उपभोक्ताओं के पीने के पानी के इंतजाम पेट्रोलपंप पर होना अनिवार्य है। इसके लिए पूर्व में निर्देश जारी किए गए हैं। फिर दोबारा से निर्देश जारी करेंगे। फिर भी अनदेखी करने पर कार्रवाई की जाएगी।
-नुजहत बानो बकई, जिला आपूर्ति अधिकारी, विदिशा
-नुजहत बानो बकई, जिला आपूर्ति अधिकारी, विदिशा