हलाली कमांड के क्षेत्र किसान सर्वाधिक परेशान हैं। इनका कहना है कि नवरात्र के बाद से उनकी बोवनी शुरू हो जाया करती थी, लेकिन हलाली बांध से पानी छोडऩे में लापरवाही हुई। देरी से पानी छूटने के कारण किसानों को बोवनी कार्य के लिए अपने खेतों में बोर कराने पड़ रहे हैं। पहली बार इस क्षेत्र के खेतों में 50 से अधिक बोर हुए और अब यह पानी छोड़ा भी गया तो करीब 25 दिन बाद टेल क्षेत्र में पहुंचेगा इससे बोवनी का कार्य एक माह से अधिक पिछड़ जाएगा। उन्हें कम समय एवं कम पानी के नए बीज की व्यवस्था करना पड़ेगी।
ग्राम अहमदपुर सहित ग्राम हासुआ, जैतपुरा, सौथर, पालकी(ठर्र), भदारबड़ा, अटारीखेजड़ा, सीहोद, मानौरा, बंधेरा, पीपरहूटा, सांकलखेड़ा, देवखजूरी आदि क्षेत्र के किसान डीएपी खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। किसानों ने बताया कि बोवनी के लिए पहली जरूरत डीएपी की होती है, क्योंकि इसके बिना बोवनी नहीं हो पाती लेकिन इस खाद के स्थान पर युरिया की रैक बुलवाईजा रही जबकि युरिया की अभी जरूरत नहीं है। किसानों ने बताया कि जिले की कई सोसायटियों में डीएपी उपलब्ध नहीं होने से बोवनी कार्यरुका हुआ है।
रबी की बोवनी में बिजली की समस्या रुकावट बन रही। किसानों ने बताया कि कि पर्याप्त बिजली नहीं मिलने पलेवा नहीं हो पा रहा। विद्युत वितरण कंपनी द्वारा 10 घंटे बिजली देने की बात कही जा रही लेकिन पांच-छह घंटे से ज्यादा बिजली नहीं मिल रही। पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से बोवनी कार्य प्रभावित हो रहा है। आधे समय दिन में और आधे समय रात में बिजली दी जा रही है। रात मे यह बिजली 10 बजे से 2 बजे तक एवं कहीं पर रात 12 बजे से 6 बजे तक दी जा रही और पलेवा के लिए दिन के अलावा देर रात तक किसानों को जागना पड़ रहा है।
बोवनी से अभी रह गया दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र
बिजली, डीएपी एवं पानी की समस्या के बीच जिले में अभी करीब दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र बोवनी कार्यसे छूटा हुआ है। हालांकि कृषि विभाग जिले में 6 0 प्रतिशत बोवनी होना मान रहा है। विभाग का कहना है कि यूरिया अधिक आ चुका लेकिन अब डीएपी बुलाईजा रही और यह डीएपी सीधे सोसायटी स्तर पर पहुंचेगी। विभाग के मुताबिक बोवनी कार्य 15 दिसंबर तक किया जा सकता है।
बिजली, डीएपी एवं पानी की समस्या के बीच जिले में अभी करीब दो लाख हैक्टेयर क्षेत्र बोवनी कार्यसे छूटा हुआ है। हालांकि कृषि विभाग जिले में 6 0 प्रतिशत बोवनी होना मान रहा है। विभाग का कहना है कि यूरिया अधिक आ चुका लेकिन अब डीएपी बुलाईजा रही और यह डीएपी सीधे सोसायटी स्तर पर पहुंचेगी। विभाग के मुताबिक बोवनी कार्य 15 दिसंबर तक किया जा सकता है।
बोवनी एक माह पिछड़ चुकी। हलाली बांध से नहर में पानी छोडऩे में देरी से यह नौबत बनी है। कमांड क्षेत्र के किसानों को नहर पर भरोसा न कर अपने खेतों में बोर खुदवाने पड़े हैं।
-भूपेंद्र रघुवंशी, किसान, देवखजूरी
-भूपेंद्र रघुवंशी, किसान, देवखजूरी
प्रशासनिक उदासीनता के कारण यह स्थिति बनी। किसानों को समय पर पानी, खाद, पर्याप्त बिजली की व्यवस्था के लिए पूर्वतैयारी करना था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और अब किसान इन समस्याओं से परेशान हो रहे हैं।
-मोहरसिंह रघुवंशी, किसान अहमदपुर
-मोहरसिंह रघुवंशी, किसान अहमदपुर
डीएपी व युरिया की पर्याप्त उपलब्धता है। डीएपी अब सीधे सोसायटी स्तर पर पहुंचाईजा रही है इससे समस्या शीघ्र दूर हो जाएगी। बोवनी कार्य के लिए अभी पर्याप्त समय है।
-पीके चौकसे, उप संचालक, कृषि विभाग
-पीके चौकसे, उप संचालक, कृषि विभाग