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राजनीतिक दलों को क्यों पसंद आते हैं बाहुबली नेता, जानिए वह पांच कारण

locationवाराणसीPublished: Jun 12, 2018 05:25:14 pm

Submitted by:

Devesh Singh

बदनामी के बाद भी पार्टी नहीं छोड़ती है साथ, लोकसभा चुनाव 2019 में फिर दिखायेंगे बाहुबली अपना दम

UP Bahubali Leader

UP Bahubali Leader

वाराणसी. किसी से राजनीति को लेकर सामान्य प्रश्र किया जाये तो वह भी उसका आसानी से जबाव दे देगा। यदि किसी से पूछा जाये कि आपके पास कोई दल होगा और बदनामी होने के बाद भी किसी बाहुबली नेता को पार्टी में शामिल करेंगे। इस पर सामान्य आदमी यही कहेगा कि बाहुबली को पार्टी में शामिल नहीं किया जायेगा। इसके बाद भी राजनीतिक दलों के लिए बाहुबली पहली पसंद रहते हैं और लोकसभा चुनाव 2019 में एक बार फिर बाहुबली अपनी ताकत दिखायेंगे।
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चुनाव परिणाम आने के बाद सर्वे में पता चल जाता है कि किस दल में सबसे अधिक बाहुबली नेता शामिल हुए हैं। अपराध को लेकर एक-दूसरे पर आरोप लगाने वाले सभी राजनीतिक दल बिना किसी झिझक के बाहुबली नेताओं को शामिल करते हैं। बाहुबली के चलते पार्टी की छवि खराब भी होती है, फिर भी सभी दल के नेता इनका मोह नहीं छोड़ पाते हैं।
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जानिए वह पांच कारण जिसके कारण राजनीतिक दल को पसंद आते हैं बाहुबली
1-धनबल
सभासदी से लेकर संसदीय चुनाव लडऩे में बहुत पैसे की जरूरत होती है। राजनीतिक दल अपने पास से अधिक पैसा खर्च करने को तैयार नहीं होते हैं ऐसे में उनकी पसंद के प्रत्याशी वह होते हैं जिनके पास पैसे की कमी न हो। इसके चलते सभी दल बाहुबलियों को चुनावी टिकट देते हैं। कुछ बाहुबली ऐसे होते हैं जो अपना चुनाव लडऩे का खर्चा उठाने के साथ पार्टी फंड में भी डोनेशन देते हैं। राजनीतिक दल पैसों के चलते बाहुबली प्रत्याशी को अधिक पसंद करता है।
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2-चुनाव में विजय पाने की अधिक संभावना

राजनीतिक दल चुनाव में विजय पाने वाले प्रत्याशी पर अधिक दांव लगाना चाहते हैं और बाहुबलियों का अपने क्षेत्र में इतना प्रभाव होता है कि उन्हें चुनाव हराना आसान नहीं होता है। क्षेत्र की जनता में डर हो या फिर वोटरों के लिए किया गया कार्य भी बाहुबलियों को लोकप्रिय बनाता है। इसके चलते बाहुबलियों को जब टिकट मिलता है तो वह सीट उस दल के लिए कंफर्म हो जाती है।

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3-दूसरे दल में तोडफ़ोड़ करने में महारत हासिल होना

बाहुबली नेताओं का अपनी सीट के साथ ही आस-पास की अन्य सीटों पर भी अच्छा प्रभाव रहता है। यदि किसी दल को सरकार बनाने में अन्य दलों के विधायकों का समर्थन की जरूरत होती है तो भी बाहुबली बड़े काम के साबित होते हैं। बाहुबली नेताओं में इतनी क्षमता होती है कि दूसरे दल के विधायक को अपने पाले में ले आये।
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4-धर्म व जाति का प्रभाव होना
बाहुबली नेता जिस धर्म व जाति का होता है उस पर उसका जबरदस्त प्रभाव होता है यदि बाहुबली क्षत्रिय है या फिर मुस्लिम। ऐसे में राजनीतिक दल मानते हैं कि जिस धर्म व जाति के बाहुबलियों को साथ लिया जायेगा। उस धर्म व जाति के लोग उस दल के अन्य सीट पर भी अपना समर्थने देंगे। ऐसे में राजनीतिक दल के अन्य प्रत्याशी भी आराम से चुनाव जीत जायेंगे।

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5-जहां चाहते हैं वहां जुटा लेते हैं भीड़

बाहुबली नेताओं के पास धनबल व बाहुबल की इतनी ताकत होती है कि जिस जगह चाहते हैं वहां पर भीड़ जुटा लेते हैं। चुनावी सभा के दौरान किसी नेता की क्षमता का आंकलन रैली की भीड़ से होता है ऐसे में भी बाहुबली काम के साबित होते हैं और अपने नेता के लिए खुद के खर्च पर भीड़ जुटाने से पीछे नहीं हटते हैं।
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