शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन का विकल्प खुला रख कर नया संकेत दिया है। इस बात की प्रबल संभावना है कि यूपी में कांग्रेस व शिवपाल यादव का गठबंधन हो जायेगा। शिवपाल यादव के अपने प्रत्याशी जीताने के लिए यादव व मुस्लिम वोट बैंक का सहारा है। दोनों ही वोटरों को सपा व बसपा का मूल वोटर माना जा रहा है यदि यह वोटर महागठबंधन के साथ नहीं जाते हैं तो अखिलेश यादव व मायावती के लिए सबसे तगड़ा झटका होगा। शिवपाल यादव ने इसी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
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शिवपाल यादव ऐसे देंगे महागठबंधन को झटका
प्रगतिशील समाज पार्टी के सूत्रों की माने तो दमदार मुस्लिम व यादव नेताओं को टिकट देने की तैयारी की गयी है। सूत्रों के अनुसार पूर्वांचल में पार्टी का यह दांव बहुत काम आयेगा। शिवपाल यादव ने अभी अपनी खास रणनीति का खुलासा नहीं किया है। सपा व बसपा जब यूपी की बांटी गई सीटों की अधिकृत घोषणा कर देगी। इसके बाद ही शिवपाल यादव अपने रणनीति का खुलासा करेंगे। सपा व बसपा के नेताओं का जब टिकट कटेगा तो वह बगावत कर सकते हैं। इसकी प्रमुख वजह है कि एक बार उनके हाथ से संसदीय सीट निकल जायेगी तो उन्हें दोबारा चुनाव लडऩे का मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में इन नेताओं को शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी से चुनाव लड़ाने की तैयारी की है। यदि महागठबंधन से नाराज नेताओं में कद्दावर मुस्लिम व यादव नेता शामिल होंगे तो उन्हें पहली प्राथमिकता दी जायेगी। शिवपाल यादव की पार्टी का मानना है कि ऐसे नेताओं को आगे करके कम समय में ही पार्टी को बड़ा नेता मिल जायेगा।
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प्रगतिशील समाज पार्टी के सूत्रों की माने तो दमदार मुस्लिम व यादव नेताओं को टिकट देने की तैयारी की गयी है। सूत्रों के अनुसार पूर्वांचल में पार्टी का यह दांव बहुत काम आयेगा। शिवपाल यादव ने अभी अपनी खास रणनीति का खुलासा नहीं किया है। सपा व बसपा जब यूपी की बांटी गई सीटों की अधिकृत घोषणा कर देगी। इसके बाद ही शिवपाल यादव अपने रणनीति का खुलासा करेंगे। सपा व बसपा के नेताओं का जब टिकट कटेगा तो वह बगावत कर सकते हैं। इसकी प्रमुख वजह है कि एक बार उनके हाथ से संसदीय सीट निकल जायेगी तो उन्हें दोबारा चुनाव लडऩे का मौका नहीं मिलेगा। ऐसे में इन नेताओं को शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी से चुनाव लड़ाने की तैयारी की है। यदि महागठबंधन से नाराज नेताओं में कद्दावर मुस्लिम व यादव नेता शामिल होंगे तो उन्हें पहली प्राथमिकता दी जायेगी। शिवपाल यादव की पार्टी का मानना है कि ऐसे नेताओं को आगे करके कम समय में ही पार्टी को बड़ा नेता मिल जायेगा।
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पिछड़ों के अन्य नेताओं के लिए महागठबंधन में नहीं होगा अधिक मौका
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के सूत्रों की माने तो यादव छोड़ कर पिछड़ों के अन्य नेताओं के लिए महागठबंधन में अधिक मौका नहीं होगा। अभी अखिलेश यादव व मायावती को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 38-38 सीटे मिली है सपा व बसपा नेताओं को अधिक से अधिक सीट अपने कैडर वोटरों के साथ मुस्लिम नेताओं को देनी होगी। ऐसे में अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं को महागठबंधन में उचित प्रतिनिधित्व मिलना कठिन हो जायेगा। शिवपाल यादव की पार्टी ऐसे नेताओं को आगे कर सकती है। शिवपाल यादव जानते हैं कि यदि राहुल गांधी से उनका गठबंधन हो जाता है तो सवर्ण वोट बैंक पाना आसान होगा। यदि गठबंधन नहीं होता है तो भी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है और पाने के लिए सारा आसमान है ऐसे में यादव, मुस्लिम के साथ अन्य पिछड़े वर्ग के नेताओं पर दांव लगा कर पार्टी अपनी ताकत यूपी में मजबूत करेगी।
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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के सूत्रों की माने तो यादव छोड़ कर पिछड़ों के अन्य नेताओं के लिए महागठबंधन में अधिक मौका नहीं होगा। अभी अखिलेश यादव व मायावती को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए 38-38 सीटे मिली है सपा व बसपा नेताओं को अधिक से अधिक सीट अपने कैडर वोटरों के साथ मुस्लिम नेताओं को देनी होगी। ऐसे में अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं को महागठबंधन में उचित प्रतिनिधित्व मिलना कठिन हो जायेगा। शिवपाल यादव की पार्टी ऐसे नेताओं को आगे कर सकती है। शिवपाल यादव जानते हैं कि यदि राहुल गांधी से उनका गठबंधन हो जाता है तो सवर्ण वोट बैंक पाना आसान होगा। यदि गठबंधन नहीं होता है तो भी पार्टी के पास खोने के लिए कुछ नहीं है और पाने के लिए सारा आसमान है ऐसे में यादव, मुस्लिम के साथ अन्य पिछड़े वर्ग के नेताओं पर दांव लगा कर पार्टी अपनी ताकत यूपी में मजबूत करेगी।
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