scriptसपा व बसपा के इन नेताओं को शिवपाल यादव का साथ, अखिलेश व मायावती के महागठबंधन को लगेगा झटका | Shivpal Yadav can broke SP and BSP party before Lok Sabha 2019 | Patrika News

सपा व बसपा के इन नेताओं को शिवपाल यादव का साथ, अखिलेश व मायावती के महागठबंधन को लगेगा झटका

locationवाराणसीPublished: Aug 30, 2018 12:16:30 pm

Submitted by:

Devesh Singh

लोकसभा चुनाव से पहले ही बना नया समीकरण, बीजेपी की मुश्किले हुई कम

Mulayam family and Mayawati

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वाराणसी. शिवपाल यादव ने नया मोर्चा बना कर अखिलेश यादव व मायावती के महागठबंधन को सबसे तगड़ा झटका दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए शिवपाल यादव का दांव बेहद अहम माना जा रहा है। शिवपाल यादव के साथ सपा ही नहीं बसपा के यह नेता भी आ सकते हैं। नया मोर्चा बन जाने से बीजेपी की मुश्किले कुछ कम हो गयी है।
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पीएम नरेन्द्र मोदी को चुनाव हराने के लिए राहुल गांधी, अखिलेश यादव व मायावती ने महागठबंधन बनाया है। यूपी की राजनीति की बात करे तो बीजेपी को महागठबंधन से सबसे अधिक नुकसान यही पर हो सकता है। यूपी की सीटे ही तय करेगी कि अगला पीएम कौन बनेगा। बीजेपी अभी महागठबंधन की काट तक नहीं खोज पायी थी कि शिवपाल यादव ने मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है, जिससे सबसे अधिक लाभ बीजेपी को होने वाला है। शिवपाल यादव ने पहले ही कह दिया है कि सपा से असंतुष्ट नेताओं को अपने पाले में करेंगे। शिवपाल यादव लगातार प्रयास कर रहे हैं कि उनके साथ मुलायम सिंह यादव भी आय जाये। यदि ऐसा होता है तो अखिलेश यादव की राह बेहद कठिन हो सकती है।
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शिवपाल यादव के साथ जा सकते हैं सपा व बसपा के यह नेता
अभी तक के अनुमान के मुताबिक महागठबंधन में सबसे अधिक सीट बसपा को मिल सकती है इसके बाद सपा व रालोद का नम्बर आता है। कांग्रेस की स्थिति सबसे कमजोर है। सपा व बसपा हमेशा से लोकसभा व विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ती आयी है। यूपी की 80 सीटों पर सपा व बसपा दोनों के ही दावेदार है ऐसे में गठबंधन के चलते सपा व बसपा के जिन नेताओं का टिकट कटता है वह नाराज होकर शिवपाल यादव के साथ जा सकते है। इसकी एक बड़ा वजह यह भी है कि महागठबंधन होने के चलते सपा व बसपा के नाराज नेता एक-दूसरे दल में जा नहीं सकते हैं। बीजेपी में पहले ही नेताओं की कमी नहीं है इसलिए शिवपाल यादव की पार्टी ही उनके पास एक विकल्प बनेगी।ऐसा होने पर महागठबंधन प्रत्याशी की जीत पर संशय के बादल छा जायेंगे। शिवपाल यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चा को सपा व बसपा के बागी प्रत्याशियों के बल पर जितना भी वोट मिलता है उतना ही नुकसान महागठबंधन को होगा। बीजेपी के लिए यह स्थिति फायदेमंद साबित हो सकती है। बीजेपी कभी सीधी लड़ाई नहीं लडऩा चाहती है। महागठबंधन होने पर उसे सीधी लड़ाई लडऩी पड़ सकती है ऐसे में शिवपाल यादव के नये मोर्चा से यूपी में त्रिकोणीय लड़ाई होगी ओर बीजेपी अच्छी स्थिति में आ सकती है।
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