scriptइन जिलो में सपा को अधिक नुकसान पहुंचायेगी शिवपाल यादव की पार्टी | Samajwadi Secular Front take lead against SP in Election 2019 | Patrika News

इन जिलो में सपा को अधिक नुकसान पहुंचायेगी शिवपाल यादव की पार्टी

locationवाराणसीPublished: Oct 03, 2018 02:27:59 pm

Submitted by:

Devesh Singh

महागठबंधन होते ही बढ़ जायेगी सेक्युलर मोर्चा की ताकत, जानिए क्या है कहानी

Samajwadi Secular Front

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वाराणसी. शिवपाल यादव की बढ़ती ताकत से सबसे अधिक नुकसान अखिलेश यादव को हो रहा है। लोकसभा चुनाव 2019 में मायावती के साथ सपा का महागठबंधन होते ही समाजवादी सेक्युलर मोर्चा की ताकत बढ़ जायेगी। सपा भी इस बात से बेहद परेशान है कि किस तरह से मोर्चा की ताकत को बढऩे से रोका जाये। शिवपाल यादव की पार्टी से सबसे अधिक सपा को इन जिलो में नुकसान पहुंचा सकती है।
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शिवपाल यादव लगातार अपने मोर्चा की ताकत बढ़ाने में जुटे हुए हैं। शिवपाल यादव के साथ बसपा, बीजेपी व कांग्रेस के नेता नहीं है बल्कि सपा में रहे नेता ही समाजवादी सेक्युलर मोर्र्चा में शामिल हो रहे हैं। पूर्वांचल में मजबूत पार्टी माने जाने वाली सपा की नींव अब कमजोर होने लगी है। सपा को सबसे अधिक नुकसान आजमगढ़, कौशांबी, बस्ती, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली में हो रहा है जहां पर शिवपाल यादव का मोर्चा तेजी से जनाधार बढ़ाने में जुटा हुआ है।
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इन जिलों के लिए हो चुकी है प्रभारियों की नियुक्ति
शिवपाल यादव ने सपा के खास नेताओं को ही इन जिलों का प्रभारी बनाया गया है। इनसे कहा गया है कि अब जनता के बीच जाये और मोर्चा का जनाधार बढ़ाने के साथ सपा नेताओं को भी मोर्चा में शामिल कराये। शिवपाल यादव ने मऊ में विजय शंकर यादव, जौनपुर में प्रभानंद यादव, गोरखपुर में राम मिलन यादव, मिर्जापुर में श्यामा नारायण यादव, देवरिया में गिरेन्द्र यादव, बलिया में दिनेश यादव, आजमगढ़ में राम प्यारे यादव, जौनपुर में प्रभानंद यादव, वाराणसी मंडल का प्रभारी देवेन्द्र सिंह व इलाहाबाद मंडल का प्रभारी लल्लन राय को बनाया है जो अब सम्मेलन करके सपा नेताओं को शिवपाल यादव के साथ जोडऩे में लगे हुए हैं। बनारस में हुए सम्मेलन में सैकड़ों सपा नेताओं ने अखिलेश यादव का साथ छोड़ कर शिवपाल यादव का दामन थामा था यह क्रम आगे ही बढऩे वाला है।
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बसपा से महागठबंधन होते ही बढ़ जायेगी शिवपाल यादव की ताकत
अखिलेश यादव, राहुल गांधी व मायावती का महागठबंधन होते ही शिवपाल यादव की ताकत बढऩी तय है। पीएम नरेन्द्र मोदी को हराने के लिए बन रहे इस महागठबंधन में सपा व बसपा के दर्जनों नेताओं का टिकट कटना तय है। ऐसे नेताओं के पास बीजेपी व शिवपाल यादव का सेक्युलर मोर्र्चा ही विकल्प बचेंगे। बीजेपी में प्रत्याशियों की कमी नहीं है और शिवपाल यादव पहले सपा से ही जुड़े थे इसलिए नाराज नेताओं के लिए सेक्युलर मोर्चा सबसे अच्छा विकल्प बन कर उभरेगा। ऐसा हुआ तो सपा को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त पुराने समाजवादी बसपा से गठबंधन के पक्ष में नहीं है। यादव व जाघव की अपनी लड़ाई है जिसके चलते वह गठबंधन होने पर शिवपाल यादव का साथ दे सकते हैं यह स्थिति भी सपा के लिए नुकसानदायक साबित होगी।
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2019में होगा सेमीफाइनल, यूपी विधानसभा में होगा मुख्य मुकाबला
समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के सूत्रों की माने तो हम लोगों का लक्ष्य यूपी चुनाव 2022 है। 2019 तक संगठन खड़ा कर लिया जायेगा और हमारे प्रत्याशी दमदारी से चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद सारा ध्यान यूपी विधानसभा चुनाव पर लगाया जायेगा। इस चुनाव में अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच सीएम पद की लड़ाई होगी। ऐसे में हमारा मोर्चा अधिक से अधिक सीट जीत कर यूपी में अपनी पहचान को पुख्ता करेगा। सूत्रों की माने तो शिवपाल यादव को मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद मिल चुका है इसलिए मोर्चा की ताकत बढ़ाने में अब दिक्कत नहीं होगी।
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