बनारस की पुलिस भले ही कितने दावे करती है लेकिन सच्चाई यह है कि इनामी बदमाश को तेज तर्रार दरोगा तक नहीं पहचानते हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल में काफी देर तक पुलिस को पता नहीं था कि मृतक पचास हजार का इनामी रईस बनारसी है। मृतक के पास से पुलिस को मैगजीन मिली थी और बिहार में किसी अन्य नाम से बना आधार कार्ड भी बरामद हुआ था। आधार कार्ड पर अलग नाम था जिसके चलते पुलिस ने दबी जुबान में स्वीकार किया था कि मृतक रईस बनारसी है लेकिन अधिकृत रुप से इस बात को स्वीकार करने से बचती रही। पुलिस ने मीडिया को बताया था कि क्रॉस फायरिंग में ही राकेश व रईस बनारसी की मौत हुई है। रईस बनारसी अपने खास प्रभु साहनी की हत्या का बदला लेने के लिए ही राकेश के पास गया था। राकेश को इस बात की जानकारी हो गयी थी और रईस को भी पता था कि राकेश के पास असलहा है इसलिए विवाद के बाद दोनों ने एक दूसरे पर फायरिंग कर दी। सूत्रों की माने तो रईस के साथ पचास हजार का इनामी दीपक वर्मा भी था जिसे भी क्रॉस फायरिंग में गोली लगी थी। गोली लगने के बाद राकेश वही गिर गया था लेकिन रईस व दीपक वर्मा वहा से बाइक से भाग निकले। दीपक वर्मा ने रईस को नई सड़क पर छोड़ा और भाग गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार घायल दीपक वर्मा भी कही अपना इलाज करा रहा है जिसकी तलाश में पुलिस कर रही है।
यह भी पढ़े:-राजेश अग्रहरि समेत दो की गोली मार कर हत्या, पुलिस प्रशासन में हड़कप
यह भी पढ़े:-राजेश अग्रहरि समेत दो की गोली मार कर हत्या, पुलिस प्रशासन में हड़कप
कहा गया असलहा, पुलिस की भूमिका पर सवाल
रईस बनारसी बनारस में टहल रहा था जबकि राकेश अग्रहरि जेल से छूट कर आया था इसके बाद भी बनारस पुलिस को दोनों बदमाशों की भनक नहीं लग पायी। पुलिस जब मृत रईस बनारसी को पहचान तक नहीं पायी थी तो उसे पकड़ती कैसे। फिलहाल पुलिस यही सोच कर खुश हो रही है कि आपस में लड़ कर दो बदमाश खत्म हो गये हैं। रईस बनारसी की मौत ने पुलिस को बड़ा आईना दिखा दिया है जो क्राइम कंट्र्रोल के लिए फरार बदमाशों को पकडऩे का दावा करती है।
यह भी पढ़े:-फौजी भाइयों को जेल से रिहा करने के लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण, दिया धरना
रईस बनारसी बनारस में टहल रहा था जबकि राकेश अग्रहरि जेल से छूट कर आया था इसके बाद भी बनारस पुलिस को दोनों बदमाशों की भनक नहीं लग पायी। पुलिस जब मृत रईस बनारसी को पहचान तक नहीं पायी थी तो उसे पकड़ती कैसे। फिलहाल पुलिस यही सोच कर खुश हो रही है कि आपस में लड़ कर दो बदमाश खत्म हो गये हैं। रईस बनारसी की मौत ने पुलिस को बड़ा आईना दिखा दिया है जो क्राइम कंट्र्रोल के लिए फरार बदमाशों को पकडऩे का दावा करती है।
यह भी पढ़े:-फौजी भाइयों को जेल से रिहा करने के लिए सड़क पर उतरे ग्रामीण, दिया धरना