इसे भी पढ़ें बाहुबली मुख्तार अंसारी के राज्य सभा चुनाव में देने पर रोक, एक दिन पहले ही जतायी थी आशंका यहां बात बाहुबली विधायक राजा भइया की हो रही है। राज्यसभा चुनाव को लेकर कुछ दिन पहले बात सामने आयी थी कि कुंडा से निर्दलीय विधायक राजा भइया सपा के कहने पर बसपा प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे, बल्कि वो भारतीय जनता पार्टी को वोट देंगे। इसके पीछे कारण बताया गया बसपा सरकार में उन पर की गई बेहद कड़ाई को। इतना ही नहीं सपा-बसपा को तब और बड़ा झटका लगा जब उनकी सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी के एकमात्र ज्ञानपुर से विधायक बाहुबली विजय मिश्रा ने खुलेआम कह दिया कि वो बीजेपी को ही वोट करेंगे। इसके बाद नरेश अग्रवाल के बीजेपी में जाने से उनके बेटे का एक वोट भी सपा-बसपा गठबंधन के हाथ से फिसल गया।
इन सबके बाद भी जया बच्चन को राज्यसभा भेजने के बाद समाजवादी पार्टी के पास 10 विधायकों के वोट, बसपा के पास 19 विधायकों के, कांग्रेस के पास सात और आरएलडी के पास एक विधायक का वोट था। इधर समाजवादी पार्टी ने चुनाव के पहले अपने वोटों के बिखराव से बचने के लिये सियासी डिनर अखिलेश यादव की मौजूदगी में कर दिया। इसमें चाचा शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक बाहुबली राजा भइया भी शामिल हुए। इधर सपा का डिनर हुआ तो उधर बीजेपी ने भी अपने विधायकों के साथ डिनर किया।
इन सबके बाद भी जया बच्चन को राज्यसभा भेजने के बाद समाजवादी पार्टी के पास 10 विधायकों के वोट, बसपा के पास 19 विधायकों के, कांग्रेस के पास सात और आरएलडी के पास एक विधायक का वोट था। इधर समाजवादी पार्टी ने चुनाव के पहले अपने वोटों के बिखराव से बचने के लिये सियासी डिनर अखिलेश यादव की मौजूदगी में कर दिया। इसमें चाचा शिवपाल यादव और निर्दलीय विधायक बाहुबली राजा भइया भी शामिल हुए। इधर सपा का डिनर हुआ तो उधर बीजेपी ने भी अपने विधायकों के साथ डिनर किया।
इसे भी पढें बाहुबली मुख्तर अंसारी बोले, राज्यसभा चुनाव में खुलेआम देंगे बसपा को वोट इस बीच एक मुकदमें की पेशी के सिलसिले में मऊ पहुंचे मुख्तार अंसारी ने भी ऐलान कर दिया कि वो खुलेआम बसपा को वोट देंगे। हालांकि उन्होंने योगी सरकार को तानाशाह बताते हुए यह भी जोड़ा कि अगर सरकार वोट देने देगी तब। गुरुवार को मुख्तार अंसारी और हरिओम यादव दोनों को वोट देने की इजाजत मिल गयी। इसी बीच गुरुवार को ही कुछ घंटों बाद गठबंधन के लिये बुरी खबर इलाहाबाद हाईकोर्ट से आयी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के वोट देने पर रोक लगा दिया।
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इस रोक के बाद बसपा के पास 19 के बदले अब 18 वोट ही बचे। ऐसे में जहां 37 की गिनती की जा रही थी वहां अब 36 ही बच रहे थे। हालांकि निर्दलीय राजा भइया को लेकर यह आंकड़ा पूरा हो जा रहा था। पर सियासी हलकों में अभी भी यह सवाल है कि राजा भइया सपा के कहने पर बसपा को वोट देंगे या नहीं। इसके पीदे उनकी और बसपा सुप्रीमो मायावती की पुरानी अदावत को भी मद्देनजर रखा जा रहा है। इसके अलावा शिवपाल सिंह यादव के वोट को लेकर भी संशय है। यहां यह भी बता दें कि अखिलेश के डिनर में चार विधायक नहीं पहुंचे थे। उन्हें साधने में सपा तुरंत लग गयी, बावजूद इसके सपा-बसपा का मामला सियासी जानकार अभी भी रिस्क पर ही बता रहे हैं। शायद इसी लिये राजनीतिक गलियारों में गुरुवार की रात कत्ल की रात जैसी कही जा रही है। अब देखना यह होगा कि फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी को हार का स्वाद चखाने वाला सपा-बसपा गठबंधन जीत का सिलसिला बरकरार रख पाता है। यह जीत गठबंधन और खासतौर से सपा के लिये बेहद जरूरी है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों का गठबंधन इसी जीत पर निर्भर होगा।
इस रोक के बाद बसपा के पास 19 के बदले अब 18 वोट ही बचे। ऐसे में जहां 37 की गिनती की जा रही थी वहां अब 36 ही बच रहे थे। हालांकि निर्दलीय राजा भइया को लेकर यह आंकड़ा पूरा हो जा रहा था। पर सियासी हलकों में अभी भी यह सवाल है कि राजा भइया सपा के कहने पर बसपा को वोट देंगे या नहीं। इसके पीदे उनकी और बसपा सुप्रीमो मायावती की पुरानी अदावत को भी मद्देनजर रखा जा रहा है। इसके अलावा शिवपाल सिंह यादव के वोट को लेकर भी संशय है। यहां यह भी बता दें कि अखिलेश के डिनर में चार विधायक नहीं पहुंचे थे। उन्हें साधने में सपा तुरंत लग गयी, बावजूद इसके सपा-बसपा का मामला सियासी जानकार अभी भी रिस्क पर ही बता रहे हैं। शायद इसी लिये राजनीतिक गलियारों में गुरुवार की रात कत्ल की रात जैसी कही जा रही है। अब देखना यह होगा कि फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में बीजेपी को हार का स्वाद चखाने वाला सपा-बसपा गठबंधन जीत का सिलसिला बरकरार रख पाता है। यह जीत गठबंधन और खासतौर से सपा के लिये बेहद जरूरी है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों का गठबंधन इसी जीत पर निर्भर होगा।