सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार में भी राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को भंडारा कराने की अनुमति नहीं मिला है। इससे स्थानीय लोगों में जमकर नाराजगी है। लोगों ने कुंडा बाजार बंद कर अपना विरोध जताया है। राज घराने का भंडारा का इतिहास बहुत ही पुराना है। स्थानीय लोगों की माने तो 1945 में राजा भैया के दादा महाराजा बजरंग बहादुर सिंह ने भंडारा कराने की शुरूआत की थी। इसके बाद राजा भैया के पिता महाराज उदय प्रताप सिंह ने इसी परंपरा को कई वर्षो तक निभाया था। भंडारे में 25 से 30 हजार लोग प्रसाद ग्रहण करने आते हैं।
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भंडारे की जगह को लेकर है विवाद, हाईकोर्ट से भी नहीं मिली है अनुमति
मुहर्रम के समय ही भंडारे का आयोजन होता है। जिस जगह पर भंडारा कराया जाता है वहा से मुहर्रम का जुलूस निकलता है इसके चलते ही भंडारे की अनुमति नहीं मिलती है। यह प्रकरण बकायदा हाईकोर्ट तक पहुंचा था और हाईकोर्ट ने भंडारा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से भंडारा का आयोजन नहीं हो पाया है। राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह का भंडारा नहीं कराने के लिए मनाना बेहद कठिन होता है। पूर्व वर्षों में उदय प्रताप सिंह ने भंडारा कराने की सारी तैयारी कर ली थी और जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी अंत में महाराज उदय प्रताप सिंह को नरजबंद करना पड़ा था।
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मुहर्रम के समय ही भंडारे का आयोजन होता है। जिस जगह पर भंडारा कराया जाता है वहा से मुहर्रम का जुलूस निकलता है इसके चलते ही भंडारे की अनुमति नहीं मिलती है। यह प्रकरण बकायदा हाईकोर्ट तक पहुंचा था और हाईकोर्ट ने भंडारा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से भंडारा का आयोजन नहीं हो पाया है। राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह का भंडारा नहीं कराने के लिए मनाना बेहद कठिन होता है। पूर्व वर्षों में उदय प्रताप सिंह ने भंडारा कराने की सारी तैयारी कर ली थी और जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी अंत में महाराज उदय प्रताप सिंह को नरजबंद करना पड़ा था।
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राजा भैया की बढ़ जाती है परेशानी, पिता को मनाने में होते हैं असफल
मुहर्रम आते ही राजा भैया की परेशानी बढ़ जाती है। बाहुबली क्षत्रिय नेता अपने पिता को मना नहीं पाते हैं। मुहर्रम पर भंडारा को लेकर जब विवाद बढ़ जाता है तो राजा भैया लखनऊ रहना पसंद करते हैं। वह जानते हैं कि हाईकोर्ट के रोक लगाने के कारण जिला प्रशासन भंडारा कराने की अनुमति नहीं देगा। जबकि पिता उदय प्रताप सिंह का मनाना उनके बस में नहीं है। ऐसे में इस बार फिर भंडारा को लेकर कुंडा का माहौल गर्म हो गया है अब देखना है कि इस बार भंडारा हो पाता है कि नहीं।
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मुहर्रम आते ही राजा भैया की परेशानी बढ़ जाती है। बाहुबली क्षत्रिय नेता अपने पिता को मना नहीं पाते हैं। मुहर्रम पर भंडारा को लेकर जब विवाद बढ़ जाता है तो राजा भैया लखनऊ रहना पसंद करते हैं। वह जानते हैं कि हाईकोर्ट के रोक लगाने के कारण जिला प्रशासन भंडारा कराने की अनुमति नहीं देगा। जबकि पिता उदय प्रताप सिंह का मनाना उनके बस में नहीं है। ऐसे में इस बार फिर भंडारा को लेकर कुंडा का माहौल गर्म हो गया है अब देखना है कि इस बार भंडारा हो पाता है कि नहीं।
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