पूर्वांचल मेंं एक समय बाबू यादव व अन्नू त्रिपाठी का दबदबा होता था। सुपारी किंग मुन्ना बजरंगी के दोनों शूटरों ने विरोधी दल को पस्त किया हुआ था। मुन्ना बरजंगी को बाहुबली मुख्तार अंसारी का साथ था। एक समय हालत यह हो गयी थी कि उस समय फरार चल रहे बृजेश सिंह के क्षेत्र में अन्नू त्रिपाठी हस्तक्षेप करने लगा था। सभासद बंशी यादव की जिला कारागार की गेट पर अन्नू त्रिपाठी व बाबू यादव ने वर्ष 2004४ में हत्या कर दी थी। इसके बाद अन्नू त्रिपाठी पकड़ा गया था और कुछ समय बाद जेल में उसकी भी हत्या हो गयी थी। बाबू यादव अकेला बच गया था। 30 जुलाई 2008 को बाबू यादव अपने दो सहयोगियों के साथ सिद्धगरी बाग स्थित बृजेश सिंह के आवास पर हमला बोलने गये थे। आवास के सुरक्षाकर्मी ने जवाबी फायर किया था उस समय बाबू यादव को गोली लग गयी थी और वह मौके पर ही मारा गया था बाबू यादव के दो साथी को पुलिस ने तुरंत ही सिगरा में एनकाउंटर कर दिया था। बाबू यादव विरोधी दलों के पलटवार का शिकार हुआ था उसी तरह रईस बनारसी भी मारा गया।
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राकेश अग्रहरि की हत्या करने गया था रईस बनारसी
रईस बनारसी व दीपक वर्मा एक साथ राकेश अग्रहरि की हत्या करने गये थे। दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के पतालेश्वर स्थित आवास के पास राकेश अग्रहरि बैठा था। रईस को शक था कि उसके खास आदमी प्रभु साहनी की हत्या में राकेश अग्रहरि शामिल था और बदला लेने के लिए ही दोनों वहां पर पहुंचे थे। सूत्रों की माने तो रईस ने बाइक से उतरते ही राकेश से कहा था कि अब तेरा अंत आ गया है। इतना सुनते ही राकेश ने कहा कि मौत तो तेरी आयी है और राकेश ने असलहा निकाल कर रईस पर फायरिंग कर दी। राकेश की गोली से रईस व दीपक वर्मा दोनों ही घायल हो गये। सूत्रों की माने तो राकेश की गोली फंस गयी थी इसी बीच दीपक वर्मा ने राकेश से असलहा छीन लिया और फायर करके उसे मार दिया। रईस को गर्दन में गोली लगी थी वह अपने खास मुमताज के पास जाना चाहता था इसलिए इनामी बदमाश दीपक वर्मा के साथ वह नई सड़क पहुंचा। दीपक ने रईस को वही पर छोड़ दिया। इसके बाद दीपक वर्मा बाइक लेकर चला आया। घायल रईस लगातार मुमताज को बुलाने की बात करता रहा ओर थोड़ी देर में उसका अंत हो गया। बाबू यादव की तरह ही रईस भी विरोधी से बदला लेने में मारा गया।
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रईस बनारसी व दीपक वर्मा एक साथ राकेश अग्रहरि की हत्या करने गये थे। दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के पतालेश्वर स्थित आवास के पास राकेश अग्रहरि बैठा था। रईस को शक था कि उसके खास आदमी प्रभु साहनी की हत्या में राकेश अग्रहरि शामिल था और बदला लेने के लिए ही दोनों वहां पर पहुंचे थे। सूत्रों की माने तो रईस ने बाइक से उतरते ही राकेश से कहा था कि अब तेरा अंत आ गया है। इतना सुनते ही राकेश ने कहा कि मौत तो तेरी आयी है और राकेश ने असलहा निकाल कर रईस पर फायरिंग कर दी। राकेश की गोली से रईस व दीपक वर्मा दोनों ही घायल हो गये। सूत्रों की माने तो राकेश की गोली फंस गयी थी इसी बीच दीपक वर्मा ने राकेश से असलहा छीन लिया और फायर करके उसे मार दिया। रईस को गर्दन में गोली लगी थी वह अपने खास मुमताज के पास जाना चाहता था इसलिए इनामी बदमाश दीपक वर्मा के साथ वह नई सड़क पहुंचा। दीपक ने रईस को वही पर छोड़ दिया। इसके बाद दीपक वर्मा बाइक लेकर चला आया। घायल रईस लगातार मुमताज को बुलाने की बात करता रहा ओर थोड़ी देर में उसका अंत हो गया। बाबू यादव की तरह ही रईस भी विरोधी से बदला लेने में मारा गया।
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