बता दें कि बीएचयू में पिछली जुलाई से ही नित नई-नई योजनाएं लागू हो रही हैं ताकि बनारस ही नहीं बल्कि समूचे उत्तर भारत के लोगों को लाभ पहुंचाया जा सके। इसी के तहत नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत शुरू की गई जननी सुरक्षा योजना को बीएचयू के सरसुंदर लाल चिकित्सालय में लागू किया जा रहा है। योजना के तहत हर वर्ग की प्रेगनेंट लेडी के अस्पताल में भर्ती होने के बाद उसके इलाज का खर्च केंद्र व राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाएगा। ऐसी महिलाओं के सामान्य प्रसव से लेकर उनके लिए दवा, दोनों वक्त के भोजन आदि की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। यहां तक कि नवजाति शिशु का इलाज भी फ्री में होगा।
इस संबंध में सरसुंदर लाल चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो विजय नाथ मिश्र ने पत्रिका को बताया कि योजना के तहत अलग भवन भी निर्माणाधीन है। योजना 15 दिसंबर तक चालू होगी। हालांकि इसके तहत सरसुंदर लाल चिकित्सालय को 03.41 करोड़ रुपये प्राप्त हो गए हैं। उन्होंने बताया कि सामान्य प्रसव हो या सिजीरियन दोनों ही तरह के प्रसव में रोगी को टोकन मनी के रूप में नामिनल चार्ज देना होगा। शेष सारी सुविधा अस्पताल प्रशासन की ओर से मुहैया कराई जाएंगी। इसके तहत महिलाओं को मुफ्त में दवाएं, जांच, डाइट व अन्य खर्च के साथ ही रेफरल स्थिति में ट्रांसपोर्ट का खर्च भी दिया जाएगा। डिलेवरी के वक्त आपरेशन भी मुफ्त होगा।
बता दें कि बीएचयू के स्त्री एवं प्रसव रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना एक अनुमान के तहत ढाई सौ से ज्यादा महिलाएं आती हैं। पिछले साल निरीक्षण के दौरान एमसीआइ ने ओपीडी की भीड़ देखकर खुशी जाहिर की थी। वहीं जब आपरेशन कम होने पर नाराजगी भी व्यक्त की थी। अब अस्पताल प्रशासन ने जननी सुरक्षा योजना के तहत बीएचयू परिसर में 100 बेड की एमसीएच (मैटर्नल चाइल्ड हेल्थ) यूनिट बनने लगा है।