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ओमप्रकाश राजभर ने बता दी मायावती व अखिलेश के गठबंधन की काट, बीजेपी ने मानी बात तो इस सहयोगी दल को लगेगा झटका

locationवाराणसीPublished: Jan 15, 2019 06:40:52 pm

Submitted by:

Devesh Singh

सीएम योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं बड़ा निर्णय, जानिए क्या है कहानी

Political Party leader

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वाराणसी. अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन के बाद से बीजेपी लगातार इसकी काट खोजने में जुट गयी है। बीजेपी जानती है कि यदि यूपी में अधिक से अधिक लोकसभा सीट पर कब्जा करना है तो बड़ा दांव खेलना होगा। बीजेपी से नाराज चल रहे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी को सपा व बसपा गठबंधन की काट बता दी है। बीजेपी उनकी बात मानती है तो एक सहयोगी दल को तगड़ा झटका लगना तय है। ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ अब इस पर मंथन करके बड़ा निर्णय ले सकते हैं।
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बीजेपी से नाराज चल रहे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पहले ही पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर अमित शाह से सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने की मांग की है। ओमप्रकाश राजभर ने इसके लिए बीजेपी सरकार को 100 दिन का समय दिया है यदि रिपोर्ट लागू नहीं होती है तो ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन से अलग हो जाने की भी धमकी दी है। बीजेपी भी इस रिपोर्ट पर मंथन कर रही है। बीजेपी ने ही सबसे पहले पिछड़ों में आरक्षण के बंटवारे की बात कही थी और यूपी के तत्कालीन सीएम राजनाथ सिंह ने इसकी शुरूआत की थी लेकिन यह योजना कभी ठंडे बस्ते से बाहर नहीं आ पायी थी। चर्चा है कि बीजेपी पिछड़ों के आरक्षण में वर्गीकरण वाली रिपोर्ट को विधानसभा में पेश कर सकती है। बीजेपी के एक तबके का मानना है कि ऐसा करके सपा व बसपा गठबंधन को तगड़ा जवाब दिया जा सकता है।
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बीजेपी ने लागू की रिपोर्ट तो इस सहयोगी दल को लगेगा तगड़ा झटका
बीजेपी के लिए इस रिपोर्ट को लागू करना आसान नहीं है। बीजेपी ने इस रिपोर्ट को लागू किया तो पटेल वर्ग को मिलने वाला आरक्षण का प्रतिशत कम हो सकता है ऐसा होने पर सबसे अधिक नुकसान अनुप्रिया पटेल को होगा। ऐसे में अनुप्रिया पटेल पहले से ही इस रिपोर्ट का विरोध कर रही है। अनुप्रिया पटेल ने पहले ही साफ कर दिया है कि बिना जातिगत जनगणना कराये इस रिपोर्ट को लागू करना सही नहीं होगा। ऐसे में बीजेपी ने ओमप्रकाश राजभर की बात मानते हुए पिछड़ों के आरक्षण में वर्गीकरण किया तो अपना दल के साथ पटेल वोटर भी बीजेपी से दूर हो सकते हैं।
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यादव के बाद सबसे अधिक पटेल वर्ग को होगा नुकसान
सामाजिक न्याय समिति ने पिछड़ा वर्ग को तीन भाग में बांटा है। पिछड़ा वर्ग को 27 में से 7 प्रतिशत ही आरक्षण मिलेगा। जबकि अति पिछड़ा को 11 व सर्वाधिक पिछड़ा को 9 फीसद आरक्षण देने की बात कही है। बीजेपी जानती है कि लोकसभा चुनाव 2019 में सपा व बसपा के जाति कार्ड को तोडऩे में यह रिपोर्ट बहुत काम आ सकती है लेकिन रिपोर्ट लागू करने के बाद पटेल व पिछड़ों की अन्य जाति नाराज होती है तो उसका नुकसान भी उठाना पड़ सकता है ऐसे में बीजेपी को बहुत सोच समझ कर ही निर्णय करना होगा।
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