यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद से ही ओमप्रकाश राजभर व बीजेपी के रिश्ते खराब हो गये हैं। बीजेपी ने गठबंधन धर्म को निभाते हुए ओमप्रकाश राजभर को कैबिनेट मंत्री बनाया है इसके बाद भी ओमप्रकाश राजभर की नाराजगी दूर नहीं कर पाये हैं। यूपी में जहां भी ओमप्रकाश राजभर जाते हैं वह विभिन्न मुद्दों को लेकर बीजेपी पर हमला बोलने का मौका नहीं छोड़ते हैं। बीजेपी पहले बयानों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाती थी लेकिन अब बीजेपी नेताओं ने पलटवार करना शुरू कर दिया है। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 को देखते हुए कई जिलों के नाम बदल दिये हैं इसके बाद ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी के मुस्लिम नेताओं के नाम बदलने की नसीहत दे थी जिसके बाद सीएम योगी से लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने सुभासपा पर पलटवार किया था। बीजेपी सूत्रों की माने तो लगातार ओमप्रकाश राजभर के बयानबाजी से पार्टी परेशान हो गयी है और गठबंधन पर जल्द बड़ा निर्णय के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
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ओमप्रकाश राजभर खुद नहीं तोडऩा चाहते हैं गठबंधन
ओमप्रकाश राजभर खुद गठबंधन तोडऩा नहीं चाहते हैं। सार्वजनिक मंच से ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बीजेपी में हिम्मत है तो गठबंधन तोड़ कर दिखाये। सुभासपा के पास राजभर समाज का बड़ा वोट बैंक है। बीजेपी सहित अन्य बसपा व सपा में भी राजभर नेता है लेकिन राजभर समाज के लिए ओमप्रकाश ही सबसे बड़े नेता है। यदि ओमप्रकाश राजभर खुद गठबंधन तोड़ते हैं तो अन्य दलों के राजभर नेता इसका बड़ा फायदा उठा लेंगे। यदि बीजेपी ही गठबंधन तोड़ती है तो ओमप्रकाश राजभर यह संदेश देंगे कि अति पिछड़े राजभर के साथ बीजेपी ने धोखा दिया है जिसके बाद ओमप्रकाश राजभर का अपने समाज में कद बढऩा तय है।
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ओमप्रकाश राजभर खुद गठबंधन तोडऩा नहीं चाहते हैं। सार्वजनिक मंच से ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बीजेपी में हिम्मत है तो गठबंधन तोड़ कर दिखाये। सुभासपा के पास राजभर समाज का बड़ा वोट बैंक है। बीजेपी सहित अन्य बसपा व सपा में भी राजभर नेता है लेकिन राजभर समाज के लिए ओमप्रकाश ही सबसे बड़े नेता है। यदि ओमप्रकाश राजभर खुद गठबंधन तोड़ते हैं तो अन्य दलों के राजभर नेता इसका बड़ा फायदा उठा लेंगे। यदि बीजेपी ही गठबंधन तोड़ती है तो ओमप्रकाश राजभर यह संदेश देंगे कि अति पिछड़े राजभर के साथ बीजेपी ने धोखा दिया है जिसके बाद ओमप्रकाश राजभर का अपने समाज में कद बढऩा तय है।
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पार्टी कार्यालय के लिए भी नहीं मिली जमीन, इस दल से हो सकता है गठबंधन
कहने को तो ओमप्रकाश राजभर कैबिनेट मंत्री है लेकिन सरकार में उनकी जरा भी नहीं चलती है। सुभासपा काफी समय से लखनऊ में पार्टी कार्यालय के लिए जमीन चाहती है लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिली है। बनारस में पीएम नरेन्द्र मोदी के आगमन के समय सुभासपा को आमंत्रण नहीं मिला था जिससे सुभासपा और नाराज है। बीजेपी व सुभासपा का गठबंधन टूटता है तो सुभासपा अखिलेश यादव, मायावती व अखिलेश यादव के महागठबंधन में जा सकते हैं। सुभासपा के नेता ने पहले ही दावा किया है कि महागठबंधन से उनकी वार्ता हो चुकी है बस समय का इंतजार किया जा रहा है।
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कहने को तो ओमप्रकाश राजभर कैबिनेट मंत्री है लेकिन सरकार में उनकी जरा भी नहीं चलती है। सुभासपा काफी समय से लखनऊ में पार्टी कार्यालय के लिए जमीन चाहती है लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिली है। बनारस में पीएम नरेन्द्र मोदी के आगमन के समय सुभासपा को आमंत्रण नहीं मिला था जिससे सुभासपा और नाराज है। बीजेपी व सुभासपा का गठबंधन टूटता है तो सुभासपा अखिलेश यादव, मायावती व अखिलेश यादव के महागठबंधन में जा सकते हैं। सुभासपा के नेता ने पहले ही दावा किया है कि महागठबंधन से उनकी वार्ता हो चुकी है बस समय का इंतजार किया जा रहा है।
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