इन मंत्रियों पर मंडराया हार का खतरा: अनुप्रिया पटेल
अनुप्रिया पटेल अपना दल से मिर्जापुर की सांसद हैं और वह मोदी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं। अपना दल का 2014 के चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ था और वह भारी मतों से चुनाव जीती थीं। अनुप्रिया पटेल फिलहाल बीजेपी से नाराज चल रही हैं, उनकी पार्टी का अपना जनाधार वैसा नहीं है, जिसके दम पर वह चुनाव जीत सकें। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने उनसे गठबंधन तोड़ा और वह अकेले मैदान में उतरती हैं तो उनकी हार तय है ।
अनुप्रिया पटेल अपना दल से मिर्जापुर की सांसद हैं और वह मोदी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री हैं। अपना दल का 2014 के चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ था और वह भारी मतों से चुनाव जीती थीं। अनुप्रिया पटेल फिलहाल बीजेपी से नाराज चल रही हैं, उनकी पार्टी का अपना जनाधार वैसा नहीं है, जिसके दम पर वह चुनाव जीत सकें। ऐसे में लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने उनसे गठबंधन तोड़ा और वह अकेले मैदान में उतरती हैं तो उनकी हार तय है ।
साध्वी निरंजन ज्योति
फतेहपुर से भाजपा की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री हैं। 2014 के चुनावों को आधार मानें और सपा और बसपा प्रत्याशी के वोटों को मिला दिया जाये तो साध्वी निरंजन ज्योति महज 7 हजार वोटों से आगे थी। साध्वी निरंजन ज्योति को जहां चार लाख 85 हजार 994 वोट मिले थे, वहीं बसपा को दो लाख 98 हजार 788 और सपा को एक लाख 79 हजार 724 वोट मिले थे। सपा और बसपा के वोट को मिला दें तो यह आकंड़ा चार लाख 78 हजार 512 होता है । 2014 में मोदी लहर में जीती साध्वी निरंजन ज्योति के लिये इस बार की जीतना आसान नहीं है, क्योंकि इस बार सत्ता के खिलाफ लहर है ।
फतेहपुर से भाजपा की सांसद साध्वी निरंजन ज्योति मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री हैं। 2014 के चुनावों को आधार मानें और सपा और बसपा प्रत्याशी के वोटों को मिला दिया जाये तो साध्वी निरंजन ज्योति महज 7 हजार वोटों से आगे थी। साध्वी निरंजन ज्योति को जहां चार लाख 85 हजार 994 वोट मिले थे, वहीं बसपा को दो लाख 98 हजार 788 और सपा को एक लाख 79 हजार 724 वोट मिले थे। सपा और बसपा के वोट को मिला दें तो यह आकंड़ा चार लाख 78 हजार 512 होता है । 2014 में मोदी लहर में जीती साध्वी निरंजन ज्योति के लिये इस बार की जीतना आसान नहीं है, क्योंकि इस बार सत्ता के खिलाफ लहर है ।