वाराणसी. लोकसभा चुनाव में हार के बाद सपा- बसपा गठबंधन टूटने के संकेत मिलने लगे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती ने हार की समीक्षा के बाद इस तरफ इशारा भी किया है, साथ ही साथ पार्टी की तरफ से कई कड़े फैसले भी लिये जा रहे हैं । बसपा ने जिला संगठन को छोड़कर बाकी सभी कमिटियों को भंग कर दिया है और कई नेताओं का डिमोशन भी कर दिया है। बसपा ने यूपी की 11 विधानसभा सीटों पर भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है ।
बसपा ने यूपी के पूर्वांचल में राज्यसभा के पूर्व सांसद घनश्याम खरवार और नौशाद अली को बड़ी जिम्मेदारी दी है। बसपा ने इन दोनों नेताओं को इलाहाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और मिर्जापुर मंडल की जिम्मेदारी सौंपी है । बसपा ने लोकसभा चुनाव में 2014 के मुकाबले भले ही बेहतर प्रदर्शन करते हुए 10 सीटें जीती हैं, लेकिन अपेक्षा के मुताबिक गठबंधन को कम सीटें मिली हैं, कहा जा रहा है कि जल्द ही कई और नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है।
पूर्वांचल में बसपा को मिली थी चार सीट: बसपा को लोकसभा चुनाव 2019 में पूर्वांचल में चार सीट पर जीत मिली थी जबकि कुछ सीटों पर बसपा उम्मीदवार की हार का अंतर काफी कम था । बसपा ने आजमगढ़ मंडल की लालगंज और घोसी सीट के अलावा गाजीपुर, जौनपुर सीट पर जीत हासिल की थी, जबकि मछलीशहर लोकसभा सीट पर बसपा प्रत्याशी महज 181 वोट से चुनाव हार गये थे।
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