यह कन्वेंशन सेंटर जापानी तकनीकी व वास्तुकला का नायाब नमूना होगा तो बनारस घराने के संगीत से लेकर संस्कृति की झलक भी इसमें मिलेगी। खास यह कि इसकी डिजाइन से लेकर टेंडर व निर्माण तक का सारा काम जायका ही करेगी। बस जमीन नगर निगम की होगी और सीपीडब्ल्यूडी का जायका सहयोग लेगी। सीपीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता आरपीसिंह की मानें तो 2.87 एकड़ एरिया में बनने वाले कन्वेंशन सेंटर में 12 सौ सीट का इंतजाम होगा। इसका मुख्य सभागार ऐसा होगा कि जरूरत पड़ने पर उसे कई हिस्सों में बांटा जा सकेगा। मुख्य सभागार के अगल-बगल बनारस के संगीत-कला व संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए कई गैलरी बनाई जाएगी।
बता दें कि दिसम्बर 2015 में भारत दौरे पर आए जापानी प्रधानमंत्री शिंजो पीएम मोदी के साथ बनारस पहुंचे थे तभी इस कन्वेंशन सेंटर की इबारत लिख दी गई थी। यह सेंटर शहर के व्यस्ततम इलाके सिगरा क्षेत्र में आधुनिकतम सुविधाओं से सुसज्जित होगा। यह सेंटर नगर निगम के तिलक प्रेक्षागृह को तोड़ कर बनाया जाएगा। इसे विस्तार देने के लिए नगर निगम के मिनी सदन व महापौर कक्ष को गिराने का काम काफी दिनों से यहां चल रहा है। प्रेक्षागृह तो लगभग जमींदोज हो चुका है। अब इस कन्वेंशन सेंटर के चलते महापौर के लिए नया कक्ष और निगम सदन कहां बनेगा, मेयर कहां बैठेंगे यह सब अभी तय नहीं है।
कन्वेंशन सेंटर ही नहीं काशी में जापान की 500 साल पुरानी पारंपरिक सिल्क कला ‘निशिकी’ की डिजाइन व तकनीकी सेंटर भी बनारस में खोलने की तैयारी है। जापान सरकार के सहयोग से चलने वाले इस सेंटर के जरिए बनारसी बुनकरों का तैयार माल जापान के बाजर में पहुंचेगा। इससे यहां के बुनकरों और निर्यातकों, दोनों को
रोजगार का न्या प्लेटफार्म मिलेगा।