वाराणसी लोकसभा सीट से विपक्ष के सामने सबसे महत्वपूर्ण चुनौती साझा उम्मीदवार खोजने की है। अगर चेहरों की बात करें तो अभी कोई भी ऐसा बड़ा चेहरा सामने नहीं आया है, जिसे सभी दल स्वीकार कर सकें। भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद यह मानकर चल रहे हैं कि उनके नाम पर कांग्रेस की हरी झंडी मिल जाएगी। लेकिन सबसे अहम यह कि मायावती उन्हें पहले ही भाजपा का एजेंट बता चुकी हैं। ऐसे में अखिलेश यादव भी मायावती के स्टैंड पर ही कायम रहेंगे और अगर कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार बनाया भी तो विपक्ष के साझा उम्मीदवार का सपना टूट जाएगा। यहीं विपक्ष की मोदी को घेरने की रणनीति प्रारंभिक चरण में ही दम तोड़ देगी। इसलिए सभी दल ऐसी कोशिश में हैं कि किसी ऐसे राष्ट्रीय चेहरे को सामने लाया जाए जो मोदी के फेस को चुनौती दे सके और यह तलाश अभी जारी है।
उधर, प्रियंका गांधी पूर्वांचल की किसी सीट से चुनाव लडऩे का मन बना रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्रों की मानें तो पार्टी सोशल और जमीनी लेवल पर दो सीटों को सामने रखकर चल रही है। इसमें वाराणसी और फूलपुर शामिल हैं। स्थानीय लोगों से राय ली जा रही है कि अगर प्रियंका गांधी मोदी के सामने चुनाव लड़ती हैं तो कितना प्रभाव पड़ेगा। क्या वह मोदी को उनके ही गढ़ में घेरने में कामयाब होंगी। दरअसल, कांग्रेस रणनीतिकारों का मानना है कि अगर बनारस में मोदी को घेर लिया जाए तो मोदी कैबिनेट का ध्यान यहीं केंद्रित होकर रह जाएगा और दूसरी ओर राहुल गांधी आसानी से पूरे देश पर फोकस कर पाएंगे। लेकिन इस पर अंतिम फैसला प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को ही करना है।
मोदी के सामने सबसे बड़ी चुनौती किसान बन सकते हैं। दरअसल, वाराणसी लोकसभा क्षेत्र की दो सीटें सेवापुरी और रोहनिया किसानों की बेल्ट मानी जाती है। यहां पटेल जाति का दबदबा है और पिछले चुनाव में ये मोदी के साथ खड़े थे, हालांकि आप नेता अरविंद केजरीवाल के पक्ष में भी यहां मतदान हुआ था। इस बार तमिलनाडु के 111 किसानों ने वाराणसी से विरोध के रूप में चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। तमिलनाडु में किसानों के नेता पी.अय्याकन्नू ने पिछले दिनों यह ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं ताकि बीजेपी से कहा जा सके कि वह अपने घोषणा पत्र में इस बात को शामिल करे कि फसल उत्पादों के लिए मुनाफे वाली कीमत सहित किसानों की अन्य मांगे पूरी की जाएंगी। अगर ऐसा होता है तो इसका कुछ हद तक प्रभाव चुनाव पर पड़ेगा।
1-ट्रैफिक
2-पेयजल
3-काशी विश्वनाथ कॉरीडोर
4-सडक़ों की दुर्दशा और शहर की खुदाई
5-गंगा और वरुणा की दयनीय स्थिति वाराणसी में कुल मतदाताः
30 जनवरी 2019 तक वाराणसी संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता-17,96931 (नोट अभी मतदाता बनाने का काम जारी है)