आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW) के पुलिस अधीक्षक सतेन्द्र कुमार ने बताया रियल एग्री इण्ड एंड सर्विसेज लिमिटेड एवं रियल रैसल रियलकान इंडिया लिमिटेड तथा रियल रैसल बेनिफिट कंपनी लिमिटेड के नाम से चिटफंड व फाइनेंस कंपनी अगस्त 2009 में खोली थी। आरोपियों ने लोगों को अधिक पैसा कमाने का लालच देकर विभिन्न प्रकार की पौजी स्कीमों में धन का निवेश कराया। 27 मार्च 2012 से 22 जून 2015 के दौरान कुल पांच करोड़ रुपय जमा कराये। इसके बाद कंपनी बंद करके भाग गये। इस मामले में सोनभद्र के म्योरपुर थाना में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने मुकदमे की विवेचना को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन, सेक्टर वाराणसी को सौंपी गयी। ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि गरीबों का पैसा लूटा गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमे बनायी गयी थी। लंबे समय तक दबिश डाली गयी थी और अंत में टीम को सफलता मिल गयी। टीम ने इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। पकड़े गये लोगों में अपरेश दास निवासी अनपरा, पंकज कुमार निवासी सोनभद्र, कृष्ण कान्त निवासी सोनभद्र, श्यामलाल निवासी सोनभद्र, विजय नारायण निवासी सोनभद्र व लालजी कुशवाहा निवासी अनपरा को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि फर्जी चिटफंड कंपनी खोल कर जनता की ठगी करने के खिलाफ EOW की कई टीम लगायी गयी है और दोषी मिलने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। जनता से भी अपील है कि पैसों का निवेश करने से पहले सारी जानकारी अवश्य ले।
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