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गुरूवार को भूलकर भी न खरीदे ये चीजें, नहीं तो घर में होने लगेगा सब अशुभ

locationवाराणसीPublished: Sep 05, 2018 03:29:27 pm

Submitted by:

sarveshwari Mishra

ऐसे व्रत करने से मिलता है लाभ

Thursday Buying

गुरूवार को खरीदे ये चीज

वाराणसी. हिंदू धर्म में हर दिन का एक विशेष महत्व होता है। वृहस्पतिवार को भगवान विष्णु का दिन होता है। यह दिन कुंवारी लड़कियों के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन के व्रत को करने से जिसके विवाह में बाधा आ रही होती है दूर हो जाती है। जैसे शनिवार को लोहा नहीं खरीदा जाता उसी तरह गुरूवार को भी कुछ खरीदने की मनाही है। इस दिन भी आंखों से जुड़ी कोई भी वस्‍तु, कोई शार्प ऑब्‍जेक्‍ट जैसे चाकू, कैंची, बर्तन आदि नहीं खरीदना चाहिए । मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सबकुछ अशुभ होने लगता है।

गुरूवार को ये चीजे खरीदना होता है शुभ
भगवान बृहस्‍पति का दिन है गुरुवार, ये दिन व्‍यक्ति के जीवन में शुभता लाता है । इस दिन पीले वस्‍त्र पहनने चाहिए । गुरुवार के दिन इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदा जा सकता है, प्रॉपर्टी से जुड़े कामों में फायदा होता है । इस दिन पूजा – पाठ से जुड़ा सामान नहीं खरीदना चाहिए ।

ऐसे व्रत करने से मिलता है लाभ
यह व्रत अनुराधा नक्षत्रयुक्त गुरुवार से आरंभ कर लगातार 7 गुरुवार उपवास रखना चाहिए। व्रती को प्रात: उठकर भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत संकल्प लेना चाहिए। अगर बृहस्पतिदेव की पूजा करनी हो तो उनका ध्यान करना चाहिए और फल, फूल पीले वस्त्रादि से बृहस्पतिदेव और विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए। प्रत्येक उपवास के दिन श्रीहरि की पूजा के पश्चात गुरुवार व्रत कथा सुननी चाहिए। इस दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। पीले फलों का पूजा में इस्तेमाल करना चाहिए। केले का प्रसाद बहुत शुभ माना जाता है। केले दान करना भी शुभ रहता है। इस दिन सिर्फ एक बार बिना नमक का पीले रंग का भोजन ग्रहण करना चाहिए, चने की दाल का प्रयोग भी उत्तम माना जाता है। बृहस्पतिवार की कथा शाम के समय सुननी चाहिए और कथा के बाद बिना नमक का भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस व्रत की मान्यता है कि विधिपूर्वक उपवास रखने व गुरुवार व्रतकथा सुनने या पढ़ने से गुरु ग्रह से संबंधित दोष दूर हो जाता है और अपने से बड़े लोगों की कृपा बनी रहती है। इस दिन कपड़े धोना या फिर बाल या दाढ़ी बनवाना वर्जित माना जाता है। बृहस्पतिवार के दिन किसी भी साधु-संन्यासी, बड़े-बुजुर्ग, दीन-दु:खी लोगों का उपहास नहीं उड़ाना चाहिए, न ही उनकी उपेक्षा करनी चाहिए। इनकी सेवा करके पुण्य कमाना चाहिए, साथ ही ऐसे कर्म भी नहीं करने चाहिए जिनसे गुरु ग्रह (बृहस्पति) के कोप का भाजन बनना पड़े।

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