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#नोटबंदी में यहां पर खपाया गया था सबसे अधिक काला धन, यह है दिलचस्प आंकड़े, नहीं हो पाया खुलासा

locationवाराणसीPublished: Nov 08, 2018 03:14:40 pm

Submitted by:

Devesh Singh

दो साल बाद भी नहीं मिल पायी सारी जानकारी, व्यवस्था ठीक करने में आज भी लाचार है सरकार

PM Narendra Modi and Currency ban issue

PM Narendra Modi and Currency ban issue

वाराणसी. पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश में छिपे काला धन को बाहर निकालने के लिए आठ नवम्बर 2016 को नोटबंदी की थी। पीएम मोदी के ऐलान के बाद काला धन रखे लोगों ने अपने पैसे को बचाने के लिए सभी जगह हाथ-पैर मारे थे। नोटबंदी की घोषणा के एक दिन बाद बड़े लोगों को काला धन खपाने का रास्ता मिल गया था जिसके सहारे उन्होंने अपना काफी पैसा बचाया।
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नोटबंदी में दूसरे एकाउंट में पैसा जमा कराने के साथ लोगों ने जमकर खरीदारी की थी लेकिन सबसे अधिक पैसा सोने की खरीद में खपाया गया था। नोटबंदी का सबसे अधिक फायदा स्वर्ण व्यवसायियों ने उठाया था और मनमानी कीमत पर सोना बेच कर काला धन खपाया था। नोटबंदी के एक सप्ताह बाद तक स्वर्ण व्यवसायियों के यहां पर लोगों की लाइन लगी थी। केन्द्र सरकार को जब पता चला कि सोना में पैसा खपाया जा रहा है तो सख्ती शुरू हुई। इसके बाद भी खुलासा नहीं हो पाया कि कितना काला धन सोने में खपाया गया था।
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आयकर विभाग आज भी कर रहा जांच
आयकर विभाग आज भी स्वर्णय व्यसायियों के यहां पर सर्वे करके नोटबंदी के समय खपाये गये काला धन की जानकारी लेने में जुटा है। कई व्यवसायियों से जुर्माना भी वसूला गया है। आज तक कोई नहीं बता पाया है कि नोटबंदी को कमजोर करने के लिए कितना पैसा सोना में लगाया गया है। आज भी ब्लैक मनी खपाने का सबसे अच्छा साधन सोना माना जाता है। नोटबंदी में सबसे अधिक नुकसान रियल स्टेट को उठाना पड़ा था इसलिए लोगों ने रियल स्टेट में अपना काला धन नहीं लगाया था। दूसरे के एकाउंट में पैसा जमा करने में जोखिम रहता था इसलिए नोटबंदी में काला धन को सबसे अधिक सोना खरीदारी में खपाया गया।
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नोटबंदी से जुड़े दिलचस्प आंकड़े
नोटबंदी की घोषणा होते ही रात में ही 15 टन सोना बिक गया था।
पांच टन सोने की कीमत पांच हजार करोड़ रुपये थी
सबसे अधिक बिक्री यूपी, दिल्ली व पंजाब में हुई थी
देश में प्रति वर्ष 800 टन सोने की खपत होती है, लेकिन नोटबंदी के 24 घंटे के अंदर ही साल भर में खपने वाले सोने के पांचवे हिस्से से अधिक बिक गया था
पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार ने 500 व 1000 के नोट हटाये थे जो 15.44 खरब रुपये थे।
30 जून 2017 तक बैंक में कुल 15.28 खरब रुपये बड़े नोट के रुप में वापस आ गये थे
कुल 99 प्रतिशत बड़े नोट फिर से बैंकिंग सेवा में लौट आये थे।
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