क्राइम ब्रांच ने गैंग का खुलासा कर छह लोगों को किया गिरफ्तार, एसएसपी ने कहा डेढ़ दर्जन दुकानों के निरस्त किये जायेगे लाइसेंस
Fake liquor Factory
वाराणसी. सीएम योगी आदित्याथ के राज में आबकारी विभाग पूरी तरह फेल हो चुका है। कुशीनगर में नकली शराब से कई लोगों की मौत हो जाने के बाद भी आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली नहीं बदल रही है। बुधवार को क्राइम ब्रांच ने बड़ा खुलासा किया है। बड़ागांव पुलिस के साथ मिल कर फर्जी होलोग्राम लगाकर नकली शराब को सरकारी ठेके पर बेचने वाले बड़े गैंग का खुलासा किया है। क्राइम ब्रांच ने नकली शराब बनाने वाली फैक्ट्री को भी पकड़ा है। गैंग का सरगना के साथ छह लोग पकड़े गये हैं। साथ ही नकली शराब बनाने का भारी मात्रा में केमिकल बरामद किया गया है।
एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने पकड़े गये गैंग की जानकारी मीडिया के साथ साझा की। एसएसपी ने बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि बड़ागांव में बड़ी मात्रा में नकली देशी व विदेशी शराब बनायी जा रही है। क्राइम ब्रांच ने बड़ागांव थाना प्रभारी महेश पांडेय के साथ मिल कर बड़ागांव स्थित एक मकान में छापा मारा। इसी समय मकान के बाहर एक व्यक्ति स्कार्पियो से खड़ा था जो पुलिस को देखते ही भाग खड़ा हुआ। पुलिस ने उसका पीछा भी किया, लेकिन पकड़ नहीं पायी। इसके बाद मकान के अंदर गयी क्राइम ब्रांच की टीम ने वहां का नजारा देख कर सकते में आ गयी। मकान के अंदर नकली केमिकल से शराब बनायी जा रही थी और शराब को बोतल व शीशी में बंद कर नकली होलोग्राम लगाया जा रहा था। क्राइम ब्रांच ने मौके से सरगना सोनू सेठ निवासी बड़ागांव, रणजीत सेठ निवासी गाजीपुर, बृजेश सेठ निवासी फूलपुर, प्रमोद तिवारी निवासी चंदौली, ओम प्रकाश सेठ निवासी चौबेपुर व दिनेश अग्रहरी निवासी बड़ागांव को पकड़ लिया। जबकि गैंग के दो सदस्य शिवशंकर सेठ व मंजय पासवान अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है। एसएसपी ने खुलासा करने वाली टीम को पुरस्कृत करने की बात कही है। पत्रकार वार्ता में एसपी क्राइम ज्ञानेन्द्र प्रसाद भी उपस्थित रहे।
IMAGE CREDIT: Patrikaहत्या में मिल चुकी है सजा, 20 रुपये की बोतल 65रुपये में बिकती क्राइम ब्रांच के अनुसार फरार शिवशंकर सेठ को कोर्ट से हत्या करने में सजा मिल चुकी है और वह जमानत पर जेल से बाहर आया है इसके बाद नकली शराब बेचने का धंधा शुरू किया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि मध्य प्रदेश से नकली शराब बनाने का केमिकल मंगाते हैं और नकली शराब तैयार करके सरकारी व अंग्रेजी शराब के ठेकों पर सप्लाई करते थे। इसके अतिरिक्त चंदौली, गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर, बिहार आदि में भी नकली शराब बेची जाती थी। नकली शराब की एक शीशी बनाने में 20 रुपये लगता है, जबकि दुकान में 65 रुपये की बिकती थी। क्राइम ब्रांच ने भारी मात्रा में नकली शराब के साथ केमिकल, स्कार्पियों वाहन, फर्जी होलमार्क आदि बरामद किया है। खुलासा करने में क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह के अतिरिक्त एसआई प्रदीप यादव, पुन्देव सिंह, सुमंत सिंह, रामभवन यादव, सुरेन्द्र मौर्य, रामबाबू आदि पुलिसकर्मी शामिल थे।