बता दें कि नीति आयोग, भारत सरकार ने अटल इनोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब का देश भर में प्रयोग शुरू किया था। इसमें देश भर में 3000 स्कूलों का अटल टिंकरिंग लैब के लिए चयन किया गया है। इसके तहत इस कॉलेज को चुना गया है। इस लैब से विद्यालय के साथ-साथ अन्य विद्यालयों के छात्र भी इससे लाभवंतित होंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत केंद्र सरकार देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव लाना चाहती है। इसी के तहत अटल टिंकरिंग लैब के मार्फत स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन, क्रिएटिविटी और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा दिया जाना है। यही इस योजना का मुख्य मकसद है। एडोबी, अमेज़न, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और आईबीएम जैसी दिग्गज अंतर्राष्ट्रीय टेक कंपनियां मोदी सरकार की अटल इनोवेशन मिशन के तहत साझेदार हैं और इसी योजना के तहत अटल टिंकरिंग लैब की शुरूआत की गई है।
यह लैब 3D प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के नए तकनीकों से छात्रों को रूबरू होने का अवसर देता है। अटल टिंकरिंग लैब बच्चों को 21 वीं शताब्दी के जरूरी स्किल्स और उनसे मुखातिब होने का मौका प्रदान करेगा।
कॉलेज के प्रधानाचार्य ने कहा कि इस लैब में हर तरह की सुविधा होगी। महीने में एक बार सेमीनार का आयोजन किया जाएगा। फुलटाइमर टीचर होगा। बच्चे इससे मोटीवेट होंगे। उन्हें सेंसिंग, रोबोटिक मेथड जैसी तमाम वो जानाकारियां हासिल होंगी जो इंटर कॉलेज के स्तर पर तो अब तक संभव ही नहीं थीं। हाईस्कूल व इंटर के छात्र आईआईटी जैसी सुविधाएं व ज्ञान अर्जित कर पाएंगे।
कोट-
” यह माध्यमिक शिक्षा परिषद के लिए बडी उपलब्धि है। इससे न केवल सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज बल्कि जिले के हर माध्यमिक विद्यालय को फायदा मिलेगा। योजना के तहत कॉलेज परिसर में लैब के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। जल्द ही लैब का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इस योजना के तहत कॉलेज, संस्थापक संत चिंतमणि मुखर्जी के सपनों को साकार कर पाएगा। यह सब विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों की मेहनत का परिणाम है। ”- डॉ विश्वनाथ दुबे, प्रधानाचार्य सीएम एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज