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PM मोदी के क्षेत्र बनरस में होग देश का पहला ट्रांसपोर्ट हब

locationवाराणसीPublished: Jun 18, 2019 11:49:31 am

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

एक ही जगह जल, थल और नभ तीनों तरह की मिलेगी ट्रांसपोर्ट सुविधा।

Transport Hub

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वाराणसी. प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी होगा देश का पहला ट्रांसपोर्ट हब। एक ही जगह से मिलेंगी जल, थल और नभ की ट्रांसपोर्ट सेवाएं। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही ये तीनों ही सेवाएं जल्द ही मिलने लगेंगी।
वाराणसी की ध्वस्त ट्रैफिक जाम की समस्‍या से निबटने की कवायद तेज हो गई है। स्‍मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट, स्‍मार्ट सर्विलांस सिस्‍टम व स्‍मार्ट पार्किंग के साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्‍लेटफार्म के तहत ट्रांसपोर्ट हब बनाने की तैयारी तेज हो गई है। देश में अपने ढंग के अलग ट्रांसपोर्ट हब के तहत रोड, रेल, गंगा में फेरी सर्विस व रोप-वे से पब्लिक ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्‍ध होगी। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार ने सभी विभागों को जल्‍द से जल्‍द प्‍लान सौंपने को कहा है। अफसर इन दिनों बनारस के विकास से जुड़ी दशक पुरानी धूल खा रहीं फाइलों को साफ कर उसका अध्‍ययन करने में जुटे हैं। जाम से छुटकारे के लिए कंप्रहेंसिव मोबिलिटी प्‍लान के तहत परिवहन संगम स्‍थल राजघाट पुल के पास खिड़किया घाट पर बनाया जाना तय हुआ है।
अभी शहर के विभिन्‍न इलाकों में रहने वाले तथा आसपास के जिले या बिहार से इलाज के लिए आने वालों को बीएचयू अस्‍पताल तक जाने में कई जगह ऑटो बदलने के साथ दो घंटे का समय लग जाता है। जेब भी ढीली होती है। फेरी सर्विस शुरू हो जाने पर आधे घंटे का समय लगेगा तो महज 15-20 रुपये में यात्रा पूरी हो जाएगी। शहर की सड़कों पर वाहनों का दबाव कम होने से जाम की समस्‍या काफी हद तक खत्‍म हो जाएगी।
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प्रस्‍तावित ट्रांसपोर्ट हब स्‍थल वाराणसी-चंदौली जीटी रोड, आउटर रिंग रोड फेज-3 और शहर में जाने के प्रमुख मार्ग से जुडा है तो केंद्र सरकार के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट वाराणसी से हल्दिया गंगा वाटर ट्रांसपोर्टेशन के तहत फेरी सर्विस के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। कुछ ही दूरी पर स्थित काशी रेलवे स्‍टेशन को अपग्रेड करने का काम शुरू हो चुका है। दुनिया की सबसे बड़ी रोप-वे निर्माता कंपनी आस्ट्रिया की डोपेलमेर ने सार्वजनिक परिवहन के लिए रोप-वे सेवा शुरू करने को भी राजघाट का ही रूट तय किया है। यहां इंटर मॉडल बस स्‍टैंड का भी प्रस्‍ताव है।बनारस होगा पहला शहर
देश में पहली बार पब्लिक ट्रांसपोर्ट के रूप रोप-वे की शुरुआत बनारस से होगी। विकास प्राधिकरण के नगर नियोजक मनोज कुमार ने बताया कि आस्‍ट्रिया की कंपनी डोपेलमेर ने सर्वे कर पुरानी काशी के एक छोर राजघाट से मछोदरी, विश्‍वेश्‍वरगंज, मैदागिन,चौक, गोदौलिया, सोनारपुरा, अस्‍सी, होते हुए दूसरे छोर अस्‍सी और बीएचयू तक का पहला रूट तय किया है। बीएचयू और कैंट से मलदहिया, लहुराबीर होते हुए मैदागिन तक का दूसरा रूट प्रस्‍तावित है। डोपेलमेर ने पॉयलेट प्रॉजेक्‍ट के तहत एक रूट पर व्‍यवस्‍था शुरू करने को कहा है। रोप-वे प्रॉजेक्‍ट मेट्रो से कई गुना सस्‍ता होगा। जहां मेट्रो के लिए एक किलोमीटर निर्माण पर 350 करोड़ की लागत आती है, वहीं रोप-वे और केबल कार में यह महज 50 करोड़ रुपये है।
गंगा की लहरों पर यात्री जहाज चलाने (फेरी सर्विस) के लिए गंगा वॉटर हाईवे के पहले मल्‍टी मॉडल बनारस टर्मिनल से लेकर राजघाट के बीच पैसेंजर जेटी (प्‍लेटफार्म) बनाने का काम शुरू हो गया है। इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईडब्‍ल्‍यूएआई) की ओर से बनारस टर्मिनल के साथ ही अस्‍सी, ललिता और खिड़किया घाटों पर पैसेंजर जेटी का निर्माण कराया जा रहा है। आगे चलकर आधा दर्जन अन्‍य प्रमुख घाटों को भी इस सेवा से जोड़ा जाएगा। छोटे यात्री जहाज के लिए निजी कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है।
काशी विश्‍वनाथ मंदिर विस्‍तारीकरण के तहत 39 हजार वर्ग मीटर एरिया में बन रहा विश्‍वनाथ कॉरिडोर (विश्‍वनाथ धाम) फेरी सर्विस का प्रमुख केंद्र बनेगा। ललिता घाट तक कॉरिडोर निर्माण के बाद वहां से सीधे मंदिर का जुड़ाव होगा। तब फेरी सर्विस के जरिए श्रद्धालु एक छोर पर राजघाट या खिड़किया घाट और दूसरे छोर रामनगर से सीधे ललिता घाट उतर वहां से मंदिर पहुंच जाएंगे। उन्‍हें शहर के जाम से जूझना नहीं पड़ेगा।

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