पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से जल परिवहन पर विशेष फोकस किया गया है। इसी क्रम में काशी से हल्दिया तक जल परिवहन शुरू करने के लिए रामनगर में टर्मिनल बनाये जा रहे हैं। टर्मिनल का काम लगभग पूरा हो चुका है और यहां पर माल की लोडिंग व अनलोडिंग करने के लिए जर्मनी से 28 करोड़ की लागत से दो बड़े क्रेन मंगाये गये हैं जिन्हें जर्मनी से आये दो इंजीनियर इंस्टाल करने में जुटे हुए हैं। माना जा रहा है कि क्रेन इंस्ट्राल हो जायेगी तो जल परिवहन आरंभ हो जायेगा।
यह भी पढ़े:-क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया की युवा सेना ने बुक करा दी ट्रेन, कहा यूपी ही नहीं इन राज्यों से भी आयेंगे लोग
यह भी पढ़े:-क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया की युवा सेना ने बुक करा दी ट्रेन, कहा यूपी ही नहीं इन राज्यों से भी आयेंगे लोग
पहले जल परिहवन फिर शुरू होगी फेरी सर्विस
बनारस से हल्दिया तक पहले जल परिवहन शुरू होगा। इसके बाद बनारस शहर के लिए फेरी सर्विस की शुरूआत होगी। इसके तहत नाव के जरिए शहर की छोटी-छोटी दूरी तय की जायेगी। केन्द्र सरकार का मानना है कि एक बार फेरी सर्विस शुरू हो जायेगी तो शहर में ट्रैफिक को लेाड को कुछ कम करने के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देने में आसानी होगी।
बनारस से बांग्लादेश तक जल परिवहन शुरू करने की योजना
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पहले ही कहा है कि पहली बनारस से हल्दिया तक जल परिवहन शुरू किया जायेगा। इसके बाद यह सेवा बांग्लादेश जाने के लिए भी मुहैया करायी जायेगी। मानसून के बाद गंगा का जलस्तर ठीक है इसलिए बड़े मालवाहन चलाने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। गर्मी के पहले ही गंगा में ड्रेजिंग कराने की योजना है जिससे पानी का न्यूनतम जलस्तर ठीक रहे और बड़े मालवाहव चलाये जा सके।
यह भी पढ़े:-मुलायम की कुंडली में है ऐसा योग, जो लोकसभा चुनाव 2019 में शिवपाल या अखिलेश की बदल देगा किस्मत
बनारस से हल्दिया तक पहले जल परिवहन शुरू होगा। इसके बाद बनारस शहर के लिए फेरी सर्विस की शुरूआत होगी। इसके तहत नाव के जरिए शहर की छोटी-छोटी दूरी तय की जायेगी। केन्द्र सरकार का मानना है कि एक बार फेरी सर्विस शुरू हो जायेगी तो शहर में ट्रैफिक को लेाड को कुछ कम करने के साथ पर्यटन को भी बढ़ावा देने में आसानी होगी।
बनारस से बांग्लादेश तक जल परिवहन शुरू करने की योजना
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पहले ही कहा है कि पहली बनारस से हल्दिया तक जल परिवहन शुरू किया जायेगा। इसके बाद यह सेवा बांग्लादेश जाने के लिए भी मुहैया करायी जायेगी। मानसून के बाद गंगा का जलस्तर ठीक है इसलिए बड़े मालवाहन चलाने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। गर्मी के पहले ही गंगा में ड्रेजिंग कराने की योजना है जिससे पानी का न्यूनतम जलस्तर ठीक रहे और बड़े मालवाहव चलाये जा सके।
यह भी पढ़े:-मुलायम की कुंडली में है ऐसा योग, जो लोकसभा चुनाव 2019 में शिवपाल या अखिलेश की बदल देगा किस्मत
पांच हजार से अधिक करोड़ की है योजना
बनारस से हल्दिया तक जलपरिवहन पर पांच हजार करोड़ से अधिक का खर्च हो रहा है। बनारस से हल्दिया के बीच की दूरी 1620 किलोमीटर है। माना जा रहा है कि एक बार योजना शुरू हो जाती है तो 40० हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। जबकि 80 हजार से अधिक लोग अप्रत्यक्ष रूप से योजना का लाभ मिलेगा। जल परिवहन शुरू होने से गंगा में दो हजार टन भारी जहाज 24 घंटे चलने लगेंगे। रामनगर में टर्मिनल के पास ही फ्रेट विलेज की स्थाना करने की योजना भी स्वीकृत है जिसके लिए जमीन का अधिग्रहण चल रहा है। माना जा रहा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी जल परिवहन का शुभारंभ करने के साथ ही फ्रेट विलेज की नीव भी रख सकते हैं।
यह भी पढ़े:-शिवपाल यादव का इफेक्ट, अखिलेश की पार्टी ने इन्हें बनाया फ्रंटल अध्यक्ष
बनारस से हल्दिया तक जलपरिवहन पर पांच हजार करोड़ से अधिक का खर्च हो रहा है। बनारस से हल्दिया के बीच की दूरी 1620 किलोमीटर है। माना जा रहा है कि एक बार योजना शुरू हो जाती है तो 40० हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। जबकि 80 हजार से अधिक लोग अप्रत्यक्ष रूप से योजना का लाभ मिलेगा। जल परिवहन शुरू होने से गंगा में दो हजार टन भारी जहाज 24 घंटे चलने लगेंगे। रामनगर में टर्मिनल के पास ही फ्रेट विलेज की स्थाना करने की योजना भी स्वीकृत है जिसके लिए जमीन का अधिग्रहण चल रहा है। माना जा रहा है कि पीएम नरेन्द्र मोदी जल परिवहन का शुभारंभ करने के साथ ही फ्रेट विलेज की नीव भी रख सकते हैं।
यह भी पढ़े:-शिवपाल यादव का इफेक्ट, अखिलेश की पार्टी ने इन्हें बनाया फ्रंटल अध्यक्ष