इलाहाबाद पहुंचे राजा उदय प्रताप सिंह के नेतृत्व में सांसदों की शव यात्रा निकाली गई और एससी/एसटी एक्ट का विरोध किया गया। राजा उदय प्रताप सिंह ने इस एक्ट पर अपनी गहरी नाराजगी जताई और कहा कि इसे लागू करने में सरकार की क्या मंशा है। इसके बारे में कुछ नहीं कह सकते। लेकिन, यह हमारे हित में नहीं है इसलिए हम इसका का विरोध करेंगे। उदय प्रताप सिंह 2019 में होने वाले लोक सभा चुनाव में भी इस फैसले से बीजेपी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने का संकेत दिया है और व्यापक पैमाने पर एससी एसटी एक्ट का विरोध करने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि पिछले 3 दिनों से इलाहाबाद में एससी एसटी एक्ट को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसमें सामान्य वर्ग के अलावा पिछड़ा वर्ग के संगठन भी शामिल हैं। लगातार विरोध प्रदर्शन के बीच राजा उदय प्रताप सिंह के इसमें शामिल होने पर मामले ने अब सुर्खियां बटोरने शुरू कर दी हैं।
निकाली गई शव यात्रा
एससी एसटी एक्ट के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा सांसदों की सांकेतिक शव यात्रा निकाली गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एससी एसटी एक्ट को लागू करने वाले सांसदों की आत्मा मर चुकी है, इसलिए हम उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं। अगर एससी एसटी एक्ट के नए प्रावधानों को समाप्त नहीं किया गया तो आंदोलन लगातार बढ़ेगा और यह देशव्यापी होगा। सांसदों की शव यात्रा निकालने के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही और जमकर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया गया।
एससी एसटी एक्ट के विरोध में प्रदर्शनकारियों द्वारा सांसदों की सांकेतिक शव यात्रा निकाली गई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एससी एसटी एक्ट को लागू करने वाले सांसदों की आत्मा मर चुकी है, इसलिए हम उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं। अगर एससी एसटी एक्ट के नए प्रावधानों को समाप्त नहीं किया गया तो आंदोलन लगातार बढ़ेगा और यह देशव्यापी होगा। सांसदों की शव यात्रा निकालने के लिए भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी रही और जमकर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मोदी सरकार ने लोकसभा में विधेयक पास किया था। जिससे सभी दलों का समर्थन मिला है।खास तौर से इस विधेयक में सरकार के इस निर्णय का विरोध हो रहा है। जिसमें उन्होंने बिना किसी जांच के एससी एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तारी को मान्यता दी है। राजा उदय प्रताप सिंह ने कहा कि यह सरकार अगर-अपने निर्णय को नहीं बदलती है तो यह चलने वाली नहीं है। बता दें कि राजा उदय प्रताप सिंह हिंदू छवि के नेता माने जाते हैं। राजा उदय प्रताप लंबे समय तक विश्व हिंदू परिषद के शीर्षस्थ नेतृत्व के बेहद करीबी रहे हैं और उदय प्रताप सिंह हमेशा धर्म के नाम पर समाज का नेतृत्व करने को लेकर सुर्खियों में रहते हैं।