बता दें कि डीरेका के केंद्रीय खेल मैदान पर दशहरे के दिन जलने वाला रावण इस बार जहां 75 फिट का बनकर तैयार हो गया है वही मेघनाद 60 फीट और कुंभकरण का पुतला 65 फीट का तैयार किया गया है। पुतलों के निर्माण में लगे मडुवाडीह निवासी अरशद उर्फ़ गोपाल पिछले कई वर्षों से पुतलों का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि डीरेका में दशहरे के दिन जलने वाले रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों के निर्माण का काम पूरा हो चुका है।
इन तीनो पुतलों के निर्माण में 200 बांस, 8 बल्ली, 200 साड़ी, एक क्विंटल मैदा, 100 किलो तांत और 50 किलो रस्सी का प्रयोग किया गया है। विजयादशमी समिति डीरेका के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि डीरेका के खेल मैदान पर दशहरे के दिन रावण के पुतला दहन के बाद आकर्षक आतिशबाजी का नजारा देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि लीला का मंचन शाम तीन बजे से शुरू हो जाएगा। शाम को अंधेरा होने पर रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले में आग लगाई जाएगी। तभी जबरदस्त आतिशबाजी होगी।