बताया जा रहा है कि सांसद के आगमन की सूचना को लेकर सुबह ही अधिवक्ताओं की बैठक हुई थी। जिसमें प्रस्ताव पास होने की बात कही जा रही थी। ग्रामीण न्यायालय के मुद्दे को लेकर अधिवक्ताओं के आंदोलन में किसी भी राजनीतिक दल ने मौके पर पहुंचकर समर्थन नहीं किया था। इसलिए अधिवक्ता भी न्यायालय परिसर में राजनीतिक दल के नेताओं के प्रचार प्रसार का विरोध करना तय किया है।
निरहुआ को लेकर दोनों पक्षों से हुई नारेबाजी
वहीं दूसरी तरफ जब सांसद निरहुआ न्यायालय परिसर में पहुंचे तभी नारेबाजी शुरू हो गई। किसी प्रकार से सभागार के पिछले गेट से निरहुआ को बाहर निकालने की कोशिश की गई। वहीं न्यायालय अभिभावक संघ में अधिवक्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ था। सांसद निरहुआ जब बाहर निकलने लगे इस दौरान दोनों पक्षों से नारेबाजी शुरू हो गई। गेट तक पहुंचते पहुंचते मारपीट की नौबत आ गई।
भाजपा सांसद बोले- “गाड़ी पर सपा का झंडा उसमे बैठा सबसे बड़ा गुंडा”
वहीं दूसरी तरफ सांसद निरहुआ ने मीडिया से बातचीत में कहाँ कि सपाई गुंडे हर जगह मौजूद हैं जब वह गांव में भी प्रचार करने जाते हैं इसी तरह गुंडई करते हैं। यहां परिसर में भी कुछ गुंडे रहते हैं तो लेकिन इनको एक बात समझ लेनी चाहिए कि 2019 में एक भाई जीत कर भाग गया 22 में हार कर भाग गया दूसरा भाई, अब 24 में फिर भागेंगे। अगर किसी को विरोध करना है तो वह ईवीएम के बटन पर दबाकर विरोध कर सकता है। लेकिन कहते हैं कि जिस गाड़ी पर सपा का झंडा उसमे बैठा सबसे बड़ा गुंडा, वही दिख रहा है।