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74 करोड़ के भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति, शासन तक शिकायत के बाद खलबली

एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिर गए हैं। उन पर बीएड प्रवेश परीक्षा से लेकर परीक्षा के लिए गाडि़यों पर व्यय पर 74 करोड़ से ज्यादा की हेराफरी का गंभीर आरोप है।

बरेलीApr 26, 2024 / 04:24 pm

Avanish Pandey

कुलपति केपी सिंह
(फाइल फोटो)।

बरेली। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिर गए हैं। उन पर बीएड प्रवेश परीक्षा से लेकर परीक्षा के लिए गाडि़यों पर व्यय पर 74 करोड़ से ज्यादा की हेराफरी का गंभीर आरोप है। कोरोना किट की खरीद में भी चार करोड़ की गड़बड़ी का भी आरोप लगा है। इससे बरेली से लेकर शासन तक खलबली मची है। गड़बड़ियों के चलते शासन ने जवाब मांगा है।
बीएड प्रवेश परीक्षा में 55.5 करोड़ का भुगतान, समायोजन अब तक नहीं
सबसे गंभीर आरोप रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से कराई गई बीएड प्रवेश परीक्षा 2022 में गोलमाल का है। शिकायत के मुताबिक कुलपति ने बीएड प्रवेश परीक्षा के दौरान गोपनीय मदों में भुगतान के लिए 55.50 करोड़ की धनराशि तीन किस्तों में अग्रिम तौर पर ली थी लेकिन इसका समायोजन नहीं कराया। पूर्व वित्त अधिकारी ने इसमें गंभीर वित्तीय अनियमितता की संभावना जताई है। परीक्षा में गाड़ियों के भुगतान में करीब 15 करोड़ और कोरोना किट की खरीद में भी चार करोड़ के गड़बड़ी का आरोप लगाया गया है। पूर्व वित्त अधिकारी के.के शंखधार ने इस मामले में राज्यपाल और शासन से शिकायत की थी। इनमें बीएड प्रवेश परीक्षा 2022 में 55.5 करोड़ के भुगतान में हेराफेरी का आरोप प्रमुख है। शासन के आदेश पर कुलसचिव ने संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है।
प्रमोशन और नियुक्तियों में भी गड़बड़ी के आरोप
बताया जा रहा है कि कुलपति ने नियमित शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों के शिक्षकों और कर्मचारियों के भी वेतन के भुगतान के लिए संयुक्त खाता खुलवाने का दबाव डाला था। शासन के आदेश के विरुद्ध होने के कारण वित्त अधिकारी सहमत नहीं हुए तो कुलपति ने विश्वविद्यालय में स्ववित्त पोषित पाठ्यक्रमों में कार्यरत शिक्षकों की कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत पदोन्नतियां कर दीं। इसकी वजह से आय की तुलना में व्यय बढ़ गया। कुलपति उन पर लगातार एरियर भुगतान के लिए भी दबाव बनाते रहे। शिक्षकों की पदोन्नति से भुगतान असंतुलन की स्थिति पैदा हो गई थी। उनकी ओर से आय बढ़ाने के लिए मई 2022 में कुलसचिव को भी पत्र लिखा गया था। इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह से फोन पर बात की गई। उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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