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कानून व्यवस्था हुई बद से बदतर, गायब बेटियों को खोजने में भी पुलिस गंभीर नहीं, उठाए जा सकते खौफनाक कदम

locationउन्नावPublished: May 18, 2018 11:09:42 am

Submitted by:

Mahendra Pratap

जनपद में कानून व्यवस्था दिन-पर-दिन बद से बदतर होती जा रही है। थाना में पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता है।

Law and order worse in hindi news up

कानून व्यवस्था हुई बद से बदतर, गायब बेटियों को खोजने में भी पुलिस गंभीर नहीं, उठाए जा सकते खौफनाक कदम

उन्नाव. जनपद में कानून व्यवस्था दिन-पर-दिन बद से बदतर होती जा रही है। थाना में पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता है और मुख्यालय पर दी जाने वाली शिकायतें रद्दी की टोकरी में चली जाती हैं। ऐसे में न्याय के लिए पीड़ित कहां जाएं यह एक बड़ा सवाल है। न्याय न मिलने से परेशान हताश पीड़ित खौफनाक कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं। जिसके बाद क्या होता है। यह किसी से छिपा नहीं है। इसी प्रकार के कई मामले जनपद में सुर्खियों में बने हैं। जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्लोगन को दरकिनार करते हुए कई लड़कियां गायब है। पुलिस उन्हें खोजने के मामले में गंभीर भी नहीं है। ऐसे में परिवारीजनों में मातम छाया है कि उनकी बिटिया कहां और किस हालत में होगी। जबकि पीड़ित परिवारों द्वारा पुख्ता जानकारी दी जाती है। आरोपी का नाम भी बताया जाता है, मोबाइल नंबर भी दिए जाते हैं। इसके बावजूद पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंचती है और अंजाम खतरनाक हो जाता है। या तो लड़कियां मार दी जाती है या कहीं बेच या गायब कर दी जाती।

यहां महिला खौफनाक कदम उठाने की बात कहती है

इसी प्रकार का एक मामला पुरवा कोतवाली क्षेत्र मियां टोला कस्बा का है। उक्त मोहल्ला निवासी मकबूल कुरैशी पुत्र अब्दुल रज्जाक ने जिलाधिकारी की चौखट पर विगत 29 मई 2016 से गायब नाबालिग पुत्री नगमा उर्फ गुजरिया की बरामदगी की फरियाद लगाने पहुंची। मकबूल कुरैशी का कहना है उन्होंने नामजद रिपोर्ट 363, 366, 504 IPC की धारा के अंतर्गत विगत 4 जून 2016 को दर्ज कराया था। उनकी पुत्री नाबालिग होने के बाद भी कोतवाली ने पास्को एक्ट नहीं लगाया। जिसे आज तक पुरवा पुलिस बरामद नहीं कर पाई। मकबूल ने बताया कि आरोपी शहबान और नईम द्वारा उनकी पुत्री को एक मोबाइल दिया गया था। जो अपहरण के बाद उन्हें घर से मिला है। जिस पर सारी कॉल डिटेल मिल जाएंगी। इधर उन्हें बार बार जान से मार देने की धमकी मिल रही है। मकबूल कुरैशी और उनकी पत्नी ने आशंका व्यक्त की कि या तो उनकी इकलौती पुत्री को कहीं बेच दिया या फिर उसकी हत्या कर दी गई है। इधर पुलिस कहती है कि अगर अब दोबारा कहीं एप्लीकेशन दी तो उल्टा तुम्हें बेटी के केस में फंसा देंगे। अब देखना है कि जिलाधिकारी से लगाई गई न्याय की गुहार मैं उन्हें कितनी सफलता मिलती है।

मुंबई से मिलती है धमकी ज्यादा भागदौड़ की बेच देंगे लड़की को

इसी प्रकार का एक और मामला पुरवा कोतवाली क्षेत्र के शीतल गंज का है। उक्त मोहल्ला निवासी रहमतुल्ला पुत्र स्वर्गीय अब्दुल गनी ने बताया कि उसकी पुत्री विगत 25 फरवरी से उस समय गायब हो गई थी। जब वह शाम को शौच क्रिया के लिए गई थी। इस संबंध में उन्होंने पुरवा कोतवाली में 27 फरवरी को तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराया था। लेकिन यहां पर भी 36,3 366 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया था। उन्होंने बताया कि आरोपी दबंग और पुलिस से उनकी निकटता है। जिसके कारण पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। आरोपी कल्लू जोगी पुत्र हजरत अली धमकी देता है कि नाम नहीं कटवाया तो जान से मार डालेंगे। वहीं मुंबई से भी फोन आता है कि ज्यादा भागदौड़ करोगे तो तुम्हारी लड़की को बेच देंगे। पुलिस के पास जाते हैं तो वह भाग जाने को कहती हैं। पुलिस अधीक्षक से भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी बेटी बरामद नहीं है।

पुलिस ने नहीं की कार्रवाई अंततः मिला विवाहिता का शव

इसी प्रकार के तीसरे मामले में नामजद रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी पुलिस द्वारा कार्रवाई न होने पर विवाहिता को जलाकर मार दिया गया। इस संबंध में योगेंद्र निवासी जुराखन खेड़ा थाना सदर कोतवाली ने बताया कि उसकी पत्नी श्रद्धा विगत 8 फरवरी को अपनी मां के साथ थाना गांव स्थित इंटर कॉलेज में परीक्षा देने के लिए निकली थी। जिसके बाद से वह लापता है। जानकारी करने में पता चला पड़ोसी प्रमोद उसकी पत्नी को भगा ले गया। इस संबंध में उसने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी और प्रमोद की गिरफ्तारी की मांग की थी। परंतु पुलिस ने किसी भी प्रकार की जांच नहीं की। अंततः श्रद्धा को जलाकर मार डाला गया। तत्कालीन SP पुष्पांजलि देवी के निर्देश पर आसीवन थाना क्षेत्र के पतली खेड़ा माइनर के पास मिले शव की शिनाख्त योगेंद्र ने की।आसीवन थाना पुलिस ने योगेंद्र को श्रद्धा के कपड़े और बिछिया दिखाया जिससे उसकी पहचान हुई। ऐसे ना जाने कितने मामले पुलिस रिकॉर्ड में दफन है। जिनका खुलासा नहीं हो पाया है और परिजन दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।

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