इस संबंध में बातचीत करने पर समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि उनका खंड विकास अधिकारी द्वारा सत्यापित कर भेजी गई प्रतियों पर विश्वास कर पेंशनर को लाभार्थी मान उनके बैंक अकाउंट में पेंशन की राशि स्थानांतरित कर देती है। यदि इस प्रकार का कोई मामला सामने आता है तो संबंधित व्यक्ति और सत्यापित करने वाले के खिलाफ एफ. आई. आर. दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को तीन पेंशन नहीं मिल सकती है। अंग्रेजी नामों के स्पेलिंग में हेराफेरी करके यह कार्य किया जा रहा है। उन्होंने जांच कर कार्यवाही करने की जानकारी दी।
मामला सिकंदरपुर सरोसी विकासखंड के गांव कालीचरण खेड़ा का है। उक्त गांव निवासी जगदीश पुत्र जगन्नाथ तीन पेंशन उठाकर प्रशासन की भ्रष्ट कार्यप्रणाली की बानगी पेश कर रहा है । तमाम ऐसे फर्जी लाभार्थी हैं, जिनके वर्ग, उम्र में भी खामियां है। सरोसी विकासखंड के सी पटियारा गांव निवासी अरुण कुमार पांडे ने बताया कि उनकी माता जी को मरे 2 वर्ष से ज्यादा हो गया है। लेकिन वित्तीय वर्ष 2017 – 18 के पहले क्वार्टर में उन्हें पेंशन दी गई है। यह पेंशन कहां जा रही है, उन्हें नहीं पता है। उन्होंने बताया कि उनकी माता जी जय रानी पत्नी बाबूलाल जो कि सामान्य वर्ग से आती हैं, लेकिन उन्हें वृद्धावस्था पेंशन की सूची में OBC दिखाया गया है।
मृतक के खाते में पैसा जीवित को टका नहीं
ग्रामीणों की बातों पर विश्वास किया जाए तो ऐसे दर्जनों मृतक हैं, जिनके खाते में पैसा जा रहा है। जबकि उनके पासबुक में कहीं इंट्री नहीं है। इसी प्रकार पटियारा निवासी राजेश्वरी ने बताया कि उनके पति रामशरण की मृत्यु 2 साल पहले हो चुकी थी। उनकी वृद्धावस्था पेंशन 2017 – 18 के वित्तीय वर्ष की सूची में शामिल है। उन्होंने बताया कि अपनी पेंशन के लिए लगभग एक दर्जन बार ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि को कागजात दिए। लेकिन उन्हें पेंशन नहीं मिल रही। यही स्थिति गंगाराम पुत्र श्यामलाल की है। जिसे दो पेंशन मिल रही है। एक पेंशन पंजाब नेशनल बैंक तो दूसरी आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में जा रही है। इस तरह के कई मामले बतावा ग्राम सभा में देखने को मिला। उक्त ग्राम सभा में बाबू खेड़ा, कालीचरण खेड़ा, महावीर खेड़ा, पटियारा ग्राम पंचायत भतावां के मजरा है।
इस संबंध में बातचीत करने पर समाज कल्याण अधिकारी अलख निरंजन मिश्र ने बताया कि यदि ऐसा हो रहा है तो गलत है। संबंधित व्यक्ति से जांच के बाद रिकवरी कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत अधिकारी के सत्यापन व खंड विकास अधिकारी द्वारा भेजे जाने वाले सरकारी कागज के अनुसार लाभार्थियों का चयन किया जाता है। जिस कर्मचारी ने फर्जी पेंशनर का सत्यापन किया है। उसके खिलाफ भी कार्यवाही की जा सकती है। उन्होंने कहा किसी भी हालत में एक से अधिक पेंशन नहीं मिल सकती है।