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गंगा ने मचाई तबाही, कई गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी

locationउन्नावPublished: Sep 01, 2018 07:55:53 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

पानी की किल्लत, स्वास्थ विभाग की लापरवाही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए बन रहा है खतरनाक।
 

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गंगा ने मचाई तबाही, कई गांवों में पहुंचा बाढ़ का पानी

उन्नाव. गंगा खतरे के निशान से मात्र 7 सेंटीमीटर नीचे है और जिसे चेतावनी बिंदु पार किए लगभग 15 दिन हो चुके हैं। चेतावनी बिंदु पार होने के साथ ही कटरी के कई क्षेत्र, शुक्लागंज के कई मोहल्ले बाढ़ के पानी की चपेट में आ गए हैं। जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया था कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों का चेकअप व टीकाकरण आवश्यक दवाइयां मौके पर दें लेकिन यह सब दिखावे में चल रहा है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सबसे ज्यादा किल्लत पीने के पानी की हो रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने बताया कि टैंकर एक जगह खड़ा होकर प्रभावित क्षेत्रों के लोगों की मदद करना चाहता है। जिससे निचले मोहल्लों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रभावित लोगों को प्रशासन ने बाढ़ राहत केंद्र लाने के प्रयास किए। लेकिन अधिकांश अभी भी अपना घर छोडऩा नहीं चाहते। इस संबंध में बातचीत करने पर तहसील दार सदर ने बताया कि परियर क्षेत्र के कुछ गांव की स्थिति गंभीर है। आज प्रशासन की टीम यहां के लोगों को सुरक्षित पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। जिन्हें बाढ़ राहत केंद्र में लाया जा रहा है। बक्सर स्थित मां चंद्रिका देवी का मंदिर के अंदर भी पानी आ गया है।
चेतावनी बिंदु 112 मीटर को पार किया लगभग 20 गए 15 दिन

गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है जो खतरे के निशान 113 मीटर से 7 सेंटीमीटर नीचे 112. 930 मीटर पर है। जब की चेतावनी बिंदु 112 मीटर का गेज लगभग 15 दिन पहले गंगा नदी पार कर चुकी है। यह जानकारी सदर तहसीलदार ने दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को प्रशासन द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र परियर के इलाके में प्रशासन की टीम ने उन्नाव के माध्यम से प्रभावित लोगों को गांव से बाहर निकालने का काम कर रही है। जिससे कि बाढ़ राहत केंद्र में उनकी व्यवस्था हो सके।
पेयजल की बड़ी समस्या

सदर कोतवाली क्षेत्र के गंगाघाट इलाके में इंदिरा नगर, रविदास नगर, चंपा पुरवा, रहमत नगर, कर्बला और इनसे जुड़े इलाकों में पानी भर गया है। जहां लगभग 15 दिनों से नाव चल रही है। प्रभावित क्षेत्र में लोगों को सबसे अधिक दिक्कत पेयजल की हो रही है हैंडपंप से दूर से पानी निकल रहा है। गंगाघाट नगर पालिका द्वारा टैंकर के माध्यम से पानी देने की व्यवस्था की गई है। लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। स्वास्थ विभाग की टीम भी मौके पर पहुंचती है, लेकिन खानापूरी करके वापस चली जाती है।
सड़क पर है तेज बहाव

सदर तहसील के मझरा भिखना गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है गंगा का पानी पहुंचने से गांव वाले गांव छोड़कर भागने को मजबूर हो रहे हैं कुलवा गाढ़ा संपर्क मार्ग 5 से 7 फुट पानी का बहाव है। जिला प्रशासन के द्वारा अभी तक किसी प्रकार की कोई मदद नहीं पहुंच पा रही है। लोगों के पास नाव की व्यवस्था भी नहीं है। अचलगंज थानाध्यक्ष ने बताया कि वह गांव वालों के संपर्क में हैं।
जिलाधिकारी के आदेश को नहीं देते हैं तब बच्चों

जबकि जिला अधिकारी ने सख्त हिदायत दी थी स्वास्थ विभाग की टीम घर-घर जाकर लोगों से बातचीत करें और उन्हें जरूरी दवा उपलब्ध कराएं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक परेशानी जलीय जीव जंतुओं से हो रही है। सांप बिछी जैसे खतरनाक जंतु बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को रात जगने के लिए मजबूर कर रहा है। इस संबंध में बात करने पर रहमत नगर निवासी रमजान ने बताया कि उन्हें रात जागकर बिताना पड़ता है। जीव जंतु के अलावा जलकुंभी भी उनके लिए समस्या है। जो बीमारी का मुख्य कारण है। वही नदी में गिरने वाला गंदा नाला आज मोहल्ले वालों के लिए परेशानी का सबब बना है। उक्त नाली के माध्यम से गंगा नदी का जल उनके घरों तक वापसी कर रहा है।
कटरी के तमाम गांव जलमग्न

गंगा का बढ़ता जलस्तर खतरे के निशान को छूने के लिए बेताब है। कटरी के तमाम गांव मैं गंगा का पानी भर चुका है। लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। सदर तहसील क्षेत्र के कई गांव में गंगा का पानी पहुंच चुका है। जुड़ा पुरवा, महानंद पुरवा, बेनी पुरवा, अतरी, टोपरा, कोलवा, बाबु बंगला, माना बंगला, वंदन पुरवा पनपथा, गंगादीन पुरवा, लल्लतू पुरवा, देवी पुरवा जैसे तमाम कटरी के गांव में लोगों के घरों में पानी पहुंच गया है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग ऊंचे स्थानों पर जाने को विवश है। बांगरमऊ क्षेत्र के कटरी गदनपुर, अराहार, चौगवा, धन्नो पुरवा, मल्लाहन पुरवा, भिखारी पुरवा, हरि गंज, कुशाल पुरवा, गहर पुरवा, गुलरिया, भटपुरवा, रतइ पुरवा सहित भुड्ढा चौराहे से सिरधर पुर पतसिया मार्ग के भी तमाम गांव भी प्रभावित है।

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