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काले अंग्रेजों का शोषण अत्याचार अंग्रेजों से भी ज्यादा, राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा जिला प्रशासन को

locationउन्नावPublished: Nov 18, 2018 07:21:55 pm

Submitted by:

Narendra Awasthi

राष्ट्रीय समाज सेवा समिति ने कहा 18 नवंबर 2014 को आज ही के दिन हरियाणा के बरवाला में काले अंग्रेजों की बर्बरता से गई थी 5 महिलाओं सहित 6 लोगों की जान, सीबीआई से जांच कराने की मांग

राष्ट्रीय समाज सेवा समिति

काले अंग्रेजों का शोषण अत्याचार अंग्रेजों से भी ज्यादा, राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा जिला प्रशासन को

उन्नाव. देश को काले अंग्रेजों से कब मुक्ति मिलेगी। आजादी दिलाने वाले शहीदों ने कभी यह नहीं सोचा होगा कि अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद यह काले अंग्रेज भारत की निर्दोष जनता का शोषण और अंग्रेजों से भी ज्यादा अत्याचार करेंगे। राष्ट्रीय समाज सेवा समिति के बैनर तले रामपाल के अनुयायियों ने जिलाधिकारी कार्यालय में मौजूद अधिकारी को ज्ञापन दिया। इस मौके पर उन्होंने हरियाणा पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाया। पुरवा कोतवाली क्षेत्र के हिंदू खेड़ा तोरा निवासी जिला संयोजक गुड्डू दास पुत्र राम बहादुर सिंह ने बताया कि अदालत ने रामपाल सहित 21 अनुयायियों को उम्र कैद की सजा सुनाते हुए कहा था कि मेरे ऊपर ऊपरी दबाव है। उन्होंने पूछा कि आखिरकार अदालत के ऊपर किसका दबाव था। भारत की इस न्याय व्यवस्था से किसे न्याय मिला। गुड्डू दास ने कहा कि सजा के बाद वे छह परिवार बहुत आहत है। जिन्होंने अपने स्वजन घटना में खोए थे।

18 नवंबर 2014 को पुलिस बर्बरता का दिन बताया

अपने ज्ञापन में राष्ट्रीय समाज सेवा समिति ने बताया है कि विगत 18 नवंबर 2014 को आज के दिन संत रामपाल के आश्रम हरियाणा के बरवाला में 45000 पुलिस जवानों के द्वारा लाठीचार्ज जहरीली गैस राकेट बमों से बर्बरता पूर्वक हमला किया गया था। पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई से 5 श्रद्धालु महिला व एक डेढ़ साल के मासूम की मौत हो गई थी। जबकि हजारों श्रद्धालु पुलिस हमले में घायल हो गए थे। राष्ट्रीय समाज सेवा समिति आज 18 नवंबर को काला दिवस मना रहा है। पुलिस ने इन हत्याओं का झूठा केस बनाकर निर्दोष संत रामपाल उनके हजारों अनुयायियों को जेल में डाल दिया था।
काले अंग्रेजों ने संत और उनके अनुयायियों पर लगाया देशद्रोह अन्य गंभीर धाराएं

अपने ज्ञापन में रामपाल के समर्थकों ने उन्हें विकार रहित एक सभ्य समाज तैयार करने वाला संत बताया है। जिनके सानिध्य में आकर लाखों श्रद्धालुओं ने नशा, दहेज, रिश्वत, चोरी, ठगी जैसे कार्यों को छोड़ दिया है। ऐसे संत और श्रद्धालुओं के ऊपर देशद्रोह उग्रवाद जैसी खतरनाक धारा लगाकर पुलिस ने बर्बरता पूर्व कार्रवाई की है। राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में रामपाल के समर्थकों ने सीबीआई जांच की मांग की है। समर्थकों ने अदालत की कार्रवाई पर भी सवालिया निशान लगाया है इस मौके पर संत रामपाल के अनुयायियों में टोनी दास कुंवर बहादुर कृष्ण अवतार सतवीर दास प्रवीण दास करुणा शंकर प्यारेलाल सुलेखा दास राम सहेली सलोनी कुसमा देवी सहित कई सैकड़ा महिला पुरुष शामिल थे।
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